मजबूत लिस्टिंग के बाद शर्वया मेटल्स को लगा झटका

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: एल्यूमिनियम प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी शर्वया मेटल्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूत एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। हालांकि लिस्टिंग के तुरंत बाद निवेशकों को तब करारा झटका लगा, जब बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण कंपनी के शेयरों पर लोअर सर्किट लग गया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 196 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 11.73 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 219 रुपये के स्तर पर हुई। मजबूत लिस्टिंग के बाद मुनाफा वसूली के चक्कर में शुरू हुई बिकवाली के कारण थोड़ी ही देर में कंपनी के शेयर फिसल कर 208.05 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर आ गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों का मुनाफा घट कर 6.15 प्रतिशत रह गया।
शर्वया मेटल्स का 58.80 करोड़ रुपये का आईपीओ 4 से 9 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 4.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.28 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 6.09 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 6.31 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 19 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 5 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के तहत नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी सिविल कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रिफिकेशन करने, मशीनरी की खरीदारी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार-चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 1.54 करोड़ रुपये के स्तर पर गया। हालांकि 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ उछल कर 12.51 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 26 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 112.76 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 14.92 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 13.47 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज बढ़ कर 14.97 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।