ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को 27 साल तीन महीने जेल की सजा

ब्रासीलिया{ गहरी खोज }:ब्राजील के उच्चतम न्यायालय ने देश के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को 2022 के चुनाव को पलटने की साजिश का नेतृत्व करने के लिए दोषी ठहराया है। इसमें अदालतों को भंग करना, सेना को सशक्त बनाना और निर्वाचित राष्ट्रपति की हत्या का षड़यंत्र रचना शामिल है। इस मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों ने की। इनमें से चार ने बोल्सोनारो और उनके साथी तत्कालीन रक्षा मंत्री और नौसेना कमांडर सहित सात सह षड्यंत्रकारियों को दोषी ठहराया।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को 70 वर्षीय बोल्सोनारो को 27 साल तीन महीने जेल की सजा सुनाई। ब्राज़ील में राजशाही खत्म होने के बाद अब तक सेना कम से कम 15 बार तख्तापलट और तख्तापलट करने के प्रयास कर चुकी है। ब्राजील में पहली बार ऐसे मामले में किसी भी पूर्व राष्ट्रपति को सजा सुनाई गई है। बोल्सोनारो को दक्षिणपंथी आंदोलन का अगुवा माना जाता है।
इस फैसले से ब्राजील और अमेरिका के बीच संघर्ष बढ़ने की संभावना है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप कई बार ब्राजील से बोल्सोनारो के खिलाफ आरोप वापस लेने की मांग कर चुके हैं। व्हाइट हाउस ने ब्राजील पर भारी टैरिफ लगाकर इसके लिए दबाव भी बनाया था। साथ ही उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की थी, मगर न्यायपालिका ने इसकी फिक्र नहीं की। न्यायाधीशों ने पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराते हुए अमेरिका के हस्तक्षेप के प्रयासों की आलोचना की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस फैसले से आहत है। ट्रंप ने गुरुवार को वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, मैं फैसले से बहुत दुखी हूं। मैं बोल्सोनारो को जानता हूं। उन्हें पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि यह एक भयानक फैसला है। सच में ब्राजील के लिए बहुत बुरा फैसला है। इस बीच बोल्सोनारो ने एक बार फिर सभी आरोपों से इनकार किया। बोल्सोनारो के वकील पाउलो कुन्हा ब्यूनो ने फैसले से पहले कहा था, उनका कभी भी तख्तापलट करने का इरादा नहीं था। यह वास्तव में एक राजनीतिक आरोप है। अगर पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराया जाता है तो न्यायपालिका के इतिहास का यह काला अध्याय होगा।
इससे पहले बोल्सोनारो के एक बेटे ने अपने पिता को सजा से बचाने के लिए व्हाइट हाउस में पैरवी की थी और फिर जुलाई में ट्रंप ने हस्तक्षेप किया। मगर यह सब काम नहीं आया। ब्राजील पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ भी ब्राजील को झुका नहीं पाया। अमेरिका ने जस्टिस मोरेस पर कुछ सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए। तब भी फैसला पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ आया।
बोल्सोनारो 2018 में राष्ट्रपति चुने गए थे। भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जन लहर ने उन्हें सत्ता में ला दिया था। उस समय उनके सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी लूला भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में थे। बोल्सोनारो 1964 से 1985 तक देश पर शासन करने वाली सैन्य तानाशाही की प्रशंसा करते रहे हैं। ट्रंप की तरह बोल्सोनारो ने अपने देश के रूढ़िवादी आंदोलन को और दक्षिणपंथी बनाया और इसके ध्वज वाहक रहे।