बुलेट ट्रेन परियोजना : महाराष्ट्र में ट्रैक कार्यों के लिए एलएंडटी के साथ समझौता

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने गुरुवार को मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के तहत महाराष्ट्र खंड में ट्रैक और उससे संबंधित कार्यों के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एनएचएसआरसीएल के अनुसार यह समझौता डबल लाइन हाई स्पीड रेलवे के डिजाइन, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग से संबंधित है। इसमें लगभग 157 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन से लेकर महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर ज़रोली गांव तक चार स्टेशनों और ठाणे स्थित रोलिंग स्टॉक डिपो के लिए ट्रैक कार्य भी शामिल हैं।
गुजरात में पैकेज टी-2 और टी-3 के अंतर्गत 200 किलोमीटर से अधिक लंबे वायाडक्ट पर ट्रैक निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। ट्रैक निर्माण से जुड़े तीनों पैकेज भारतीय कंपनियों को दिए गए हैं, जिससे देश में हाई-स्पीड रेल ट्रैक निर्माण तकनीक की विशेषज्ञता विकसित हो रही है। भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना में जापान की शिंकानसेन तकनीक पर आधारित गिट्टी रहित स्लैब ट्रैक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इसमें आरसी ट्रैक बेड, सीमेंट एस्फाल्ट मोर्टार (सीएएम), प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब और रेल फास्टनर्स जैसे चार प्रमुख घटक शामिल हैं।
जापान रेलवे टेक्निकल सर्विस (जेएआरटीएस) ने एनएचएसआरसीएल के साथ समझौते के तहत भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों को ट्रैक निर्माण तकनीक का प्रशिक्षण दिया है। गुजरात में 436 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और महाराष्ट्र खंड में कार्य शुरू होने से पहले भी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
परियोजना की प्रगति 8 सितंबर तक इस प्रकार है। अब तक 320 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 397 किलोमीटर में पियर और 408 किलोमीटर में पियर फाउंडेशन का कार्य संपन्न हो चुका है। 17 नदी पुल, 9 स्टील ब्रिज और 5 पीएससी ब्रिज का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। 203 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 4 लाख नॉइज़ बैरियर लगाए गए हैं और 202 किलोमीटर ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो गया है। 1800 ओएचई मास्ट स्थापित किए जा चुके हैं, जो लगभग 44 किलोमीटर वायाडक्ट को कवर करते हैं। महाराष्ट्र में बीकेसी से शिलफाटा तक 21 किलोमीटर लंबी सुरंग और पालघर जिले की सात पर्वतीय सुरंगों पर कार्य प्रगति पर है। गुजरात के सभी स्टेशनों पर अधिरचना का कार्य अंतिम चरण में है, वहीं महाराष्ट्र के तीनों एलिवेटेड स्टेशनों पर निर्माण शुरू हो चुका है और मुंबई भूमिगत स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग का कार्य जारी है। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि यह समझौता परियोजना की गति को और बढ़ाएगा तथा भारत की पहली बुलेट ट्रेन सेवा के लिए समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करेगा।