डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम को लेकर केन्द्र ने राज्यों को जारी किया परामर्श

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए परामर्श जारी किया है। राज्यों को इस संबंध में 20 दिनों के अंदर कार्य योजना तैयार करने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को डेंगू और मलेरिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को परामर्श जारी कर आगामी महीनों में सतर्क रहने और डेंगू एवं मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निवारक उपायों के साथ-साथ सामुदायिक जागरूकता गतिविधियों को तेज करने का आग्रह किया। इसके साथ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 20 दिन के अंदर कार्य योजनाओं और सामुदायिक जागरूकता को तेज करने की सलाह दी गई।
नड्डा ने वेक्टर जनित रोगों के विरुद्ध तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। नगर निगमों, पंचायतों और स्थानीय निकायों को सामुदायिक जागरूकता अभियान तेज़ करने को कहा गया। केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों को पर्याप्त दवाएं, निदान सुविधाएं, बिस्तर और मच्छर-मुक्त परिसर सुनिश्चित करने होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने मलेरिया से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है। देश ने 2015 से 2024 के बीच मलेरिया के मामलों में 78 प्रतिशत से अधिक और मलेरिया से संबंधित मौतों में लगभग 78 प्रतिशत की कमी हासिल की है। वर्ष 2022-24 के बीच 160 जिलों में मलेरिया का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
भारत सरकार ने मलेरिया उन्मूलन की दिशा में कई पहल शुरू की हैं, जिनमें मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2023-27), वास्तविक समय निगरानी के लिए एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन मंच (आईएचआईपी) का कार्यान्वयन, आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, लंबे समय तक चलने वाले कीटनाशक जालों (एलएलआईएन) का बड़े पैमाने पर वितरण, प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए पुनश्चर्या प्रशिक्षण और शून्य मलेरिया का दर्जा प्राप्त करने वाले जिलों को मान्यता प्रदान करना शामिल है। भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है ।
नड्डा ने डेंगू के संबंध में कहा कि सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश (लद्दाख को छोड़ कर) डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित हैं और इनके प्रकोप का जोखिम मानसून और मानसून के बाद की अवधि में सबसे अधिक होता है। भारत सरकार ने 869 प्रहरी निगरानी अस्पतालों और 27 शीर्ष रेफरल प्रयोगशालाओं के माध्यम से निःशुल्क परीक्षण सुविधाएं प्रदान करके नैदानिक क्षमता को भी मजबूत किया है। इस वर्ष अभीतक राज्यों को 5,520 से अधिक डेंगू और 2,530 चिकनगुनिया निदान किट प्रदान की जा चुकी है।