पड़ोसी प्रथम की नीति में मॉरिशस पहला स्तंभ :मोदी

काशी में मिले आतिथ्य और सम्मान से अभिभूत रामगुलाम ने जताया मोदी का आभार
वाराणसी{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी (काशी) गुरुवार को एक ऐतिहासिक कूटनीतिक अवसर की साक्षी बनी, जब भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता आयोजित हुई। नदेसर स्थित होटल ताज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया और गले मिले। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में भारत और मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र का जिक्र कर इसके लिए बधाई दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। ‘पड़ोसी प्रथम’ की हमारी नीति में मॉरीशस प्रथम स्तंभ है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उपनिवेशवाद से मुक्ति और मॉरीशस की संप्रभुता का समर्थन करता आया है और इसमें मॉरीशस के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित किया गया है। भारत मॉरीशस में 500 बिस्तरों वाले आयुष उत्कृष्टता केंद्र सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय (एसएसआरएन) अस्पताल और पशु चिकित्सा स्कूल और पशु अस्पताल के निर्माण में सहायता करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मां गंगा के प्रवाह के साथ काशी मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। वहां के दोस्तों का काशी में स्वागत औपचारिक नहीं आत्मिक मिलन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई और रूपे कार्ड की शुरुआत हुई थी। अब हम स्थानीय करंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे। भारत के आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के साथ समझौते संपन्न किए हैं। ये समझौते रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में आपसी साझेदारी को नए फलक पर ले जाएंगे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भरोसा देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री, ओपन, सिक्योर, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है। मॉरीशस के प्रमुख आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी यह जयंती हमें मिलकर अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा देती है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी काशी में मिले सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि काशी में मिला आतिथ्य और सम्मान अप्रत्याशित और अभूतपूर्व है। मुझे खुशी है कि काशी आपका निर्वाचन क्षेत्र हैं। मैं समझ सकता हूं कि आप इतनी बड़ी संख्या में क्यों चुने गए हैं। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है। वाराणसी में आने के बाद मैं और मेरी पत्नी दोनों उस स्वागत से आश्चर्यचकित थे जो हमें मिला। मेरा मानना है कि किसी अन्य प्रधानमंत्री को कभी ऐसा सम्मान नहीं मिला।काशी में मिले आतिथ्य और सम्मान से अभिभूत रामगुलाम ने जताया मोदी का आभार
वाराणसी{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी (काशी) गुरुवार को एक ऐतिहासिक कूटनीतिक अवसर की साक्षी बनी, जब भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता आयोजित हुई। नदेसर स्थित होटल ताज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया और गले मिले। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में भारत और मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र का जिक्र कर इसके लिए बधाई दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। ‘पड़ोसी प्रथम’ की हमारी नीति में मॉरीशस प्रथम स्तंभ है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उपनिवेशवाद से मुक्ति और मॉरीशस की संप्रभुता का समर्थन करता आया है और इसमें मॉरीशस के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित किया गया है। भारत मॉरीशस में 500 बिस्तरों वाले आयुष उत्कृष्टता केंद्र सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय (एसएसआरएन) अस्पताल और पशु चिकित्सा स्कूल और पशु अस्पताल के निर्माण में सहायता करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मां गंगा के प्रवाह के साथ काशी मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। वहां के दोस्तों का काशी में स्वागत औपचारिक नहीं आत्मिक मिलन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई और रूपे कार्ड की शुरुआत हुई थी। अब हम स्थानीय करंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे। भारत के आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के साथ समझौते संपन्न किए हैं। ये समझौते रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में आपसी साझेदारी को नए फलक पर ले जाएंगे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भरोसा देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री, ओपन, सिक्योर, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है। मॉरीशस के प्रमुख आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी यह जयंती हमें मिलकर अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा देती है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी काशी में मिले सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि काशी में मिला आतिथ्य और सम्मान अप्रत्याशित और अभूतपूर्व है। मुझे खुशी है कि काशी आपका निर्वाचन क्षेत्र हैं। मैं समझ सकता हूं कि आप इतनी बड़ी संख्या में क्यों चुने गए हैं। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है। वाराणसी में आने के बाद मैं और मेरी पत्नी दोनों उस स्वागत से आश्चर्यचकित थे जो हमें मिला। मेरा मानना है कि किसी अन्य प्रधानमंत्री को कभी ऐसा सम्मान नहीं मिला।