उमर खालिद के मामले में अन्याय हुआ, उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे: सिब्बल

0
3ewsae4rfc

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा ज़मानत देने से इनकार किए जाने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन किया गया है और ‘‘हम इस अन्याय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है, जहां राजनीतिक दल यह सोचकर ऐसे मुद्दे नहीं उठा रहे हैं कि इससे उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान हो सकता है।
सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लगता है कि हम सही काम नहीं करना चाहते और आवाज़ नहीं उठाना चाहते। हमारे वकील, मध्यम वर्ग और समाज चुप है।’’ खालिद के वकील द्वारा कम से कम सात बार मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांगे किए जाने संबंधी पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की कथित टिप्पणी को लेकर सिब्बल ने कहा कि जब मामला उच्चतम न्यायालय में था, तब बचाव पक्ष ने केवल दो बार स्थगन मांगा था।
उनका कहना था, ‘‘अगर अदालत वर्षों तक फैसला नहीं सुनाती, तो क्या इसके लिए वकीलों को दोषी ठहराया जाना चाहिए? अदालत का यही हाल है। अगर आप ज़मानत नहीं देना चाहते, तो याचिका खारिज कर दीजिए। आपको 20-30 सुनवाई क्यों करनी पड़ती है?’’
सिब्बल ने कहा, ‘‘उमर खालिद पिछले चार साल, 11 महीने और 15 दिन से हिरासत में है और आगे हिरासत में रहेगा। 2022 और 2024 में दायर की गई दो अपीलें उच्च न्यायालयों द्वारा खारिज कर दी गई हैं। एक विशेष अनुमति याचिका 2023 में दायर की गई थी, लेकिन 2024 में वापस ले ली गई।’’ उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि उच्चतम न्यायालय ने खुद कहा है कि ज़मानत याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए। सिब्बल ने सवाल किया कि क्या यह बात खालिद के मामले में लागू हुई है? उन्होंने कहा कि खालिद के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *