अब चेक बाउंस होने पर नहीं जाना पड़ेगा जेल, सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिकायतकर्ता के साथ समझौता कर लेता है, तो वह जेल की सजा से बच सकता है। कोर्ट ने अहम फैसले में कहा, एक बार पार्टियों के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद, निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषसिद्धि को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक बाउंस का अपराध मुख्य रूप से दिवानी प्रकृति का है और इसे विशेष रूप से आपराधिक बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक निजी विवाद है, जिसे निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आपराधिक क्षेत्र में लाया गया है।