दिल्ली में बाढ़ का कहरः 18 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली में उफनती यमुना नदी ने 18 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है। वीरवार सुबह 8 बजे से यमुना के जलस्तर में कमी आनी शुरू हुई, लेकिन 15 घंटे में सिर्फ 8 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। यमुना का जल स्तर 207.48 मीटर से घटकर रात 10 बजे 207.40 मीटर दर्ज की गई।
यमुना का पानी आसपास के इलाकों में भर गया। बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के पास पार्किंग तक पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार तंबुओं के बने आश्रय स्थलों व स्कूलों में अलग- अलग जगहों पर करीब 40 जगहों पर राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। सरकार ने जोर देकर कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और वह स्थिति पर 24 घंटे नजर रख रही है।
मयूर विहार फेज एक जैसे कुछ निचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर गया है, यहां तक कि वहां बने राहत शिविर भी जलमग्न हो गए हैं। मोनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाजार जैसे इलाके अब भी जलमग्न हैं। निवासियों को उम्मीद है कि पानी कम हो जाएगा और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। चंदगी राम अखाड़े के पास सिविल लाइंस में भारी जलजमाव हो गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी बारिश होती है, जलजमाव हो जाता है, लेकिन अधिकारियों ने स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। कश्मीरी गेट के पास मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गीता कॉलोनी श्मशान घाट भी पानी में डूब गया। हालांकि, गीता कॉलोनी श्मशान घाट के प्रमुख संजय शर्मा ने बताया कि दाह संस्कार का कार्य बंद नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि 2023 में श्मशान घाट में पानी घुस गया था और आज फिर से लगभग 10 फुट तक पानी भर गया है। नुकसान बहुत बड़ा है क्योंकि बाहर रखी सारी लकड़ियां बर्बाद हो गई हैं। हमें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि चूंकि कुछ श्मशान घाट पहले ही बंद कर दिए गए हैं इसलिए लोग दूर-दूर से यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी तरह अंतिम संस्कार का प्रबंध कर रहे हैं। श्मशान घाट के अंदर की सड़क ही इस्तेमाल के लायक बची है। फिलहाल, हम सड़क पर ही दाह संस्कार कर रहे हैं। अगर जलस्तर और बढ़ा तो वह भी बंद हो सकती है।
बाढ़ का पानी भर जाने के कारण कई प्रमुख इलाकों में भारी जाम लग गया, जिससे कश्मीरी गेट, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और कालिंदी कुंज इलाके सहित कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही धीमी हो गई। जलजमाव ने सुबह के व्यस्त समय में यातायात को बाधित कर दिया, जिससे यात्री घंटों तक फंसे रहे। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भारी यातायात की जानकारी देते हुए कहा कि दो किलोमीटर जैसी छोटी दूरी तय करने में भी घंटों लग रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि उन्हें समय पर दफ्तर पहुंचने के लिए अपने वाहन घर पर छोड़कर दिल्ली मेट्रो का सहारा लेना पड़ा। कश्मीरी गेट, रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर और कालिंदी कुंज के आसपास बाढ़ का पानी सड़कों पर आ गया है, वहां यातायात जाम देखा गया। आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए मार्ग परिवर्तन करना पड़ा। यमुना का पानी मजनूं का टीला से चंदगी राम अखाड़ा होते हुए निगम बोध घाट तक मुद्रिका मार्ग (रिंग रोड) -वजीराबाद, आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल), सराय काले खां और आश्रम की ओर जाने वाले रास्तों पर लंबी दूरी तक जाम की स्थिति देखी गई।
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के बीच संभावित बाढ़ से निपटने के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए प्रशासन ने दिल्ली के सभी 13 रेगुलेटर ड्रेन्स को बंद कर दिया है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि अस्थायी उपाय के रूप में नालों के मुहाने पर बालू भरे बोरे रखे जा रहे हैं ताकि नदी का पानी नालों के जरिये सड़कों तक न पहुंचे। बता दें कि रेगुलेटर ड्रेन्स वर्षा जल को बाहर निकालने के लिए उपयोग में आते हैं। लेकिन अब ये निकासी मार्ग बंद हो चुके हैं, जिससे जलभराव वाले स्थानों से अतिरिक्त पानी निकालने में अधिक समय लग रहा है।

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