कोलार जमीन मामले में भोपाल कलेक्टर और दो तहसीलदार तलब, हाईकोर्ट ने जताई सख्ती

भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी भोपाल कलेक्टर को महंगी पड़ी है। हाईकोर्ट ने इस पर सख्ती दिखाई है और इसे कोर्ट का अवमानना माना है। साथ भी भोपाल कलेक्टर और दो तहसीलदार को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने को कहा है। यह पूरा मामला कोलार क्षेत्र की जमीन से जुड़ा हुआ है।
कोर्ट ने पहले 12 अगस्त को इनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। वहीं, सोमवार को भोपाल कलेक्टर ने तहसीलदारों को कोर्ट से जुड़े जमीन के मामलों में लापरवाही बरतने पर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मामले में अवमानना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी तहसीलदारों की होगी।
पूरा मामला कोलार क्षेत्र में जमीन से जुड़ा है। इस मामले में एमपी हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और दो तहसीलदारों को तलब किया है। उन्हें मंगलवार सुबह कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है। यह मामला अदालत की अवमानना से जुड़ा है।
गौरतलब है कि सोमवार को भोपाल में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने तहसीलदारों की एक मीटिंग ली। इस मीटिंग में उन्होंने तहसीलदारों को खूब डांटा। उन्होंने कहा कि कोर्ट से जुड़े जमीन के मामलों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने तहसीलदारों को चेतावनी दी कि अगर किसी भी मामले में कोर्ट की अवमानना होती है, तो वे ही जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने अफसरों को यह भी कहा कि जमीन से जुड़े मामलों को समय पर निपटाना चाहिए। अब देखना होगा कि कलेक्टर की बातों पर तहसीलदार कितना अमल करते हैं।