भोपाल में 27% OBC आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक, नेताओं के बीच सुलझाने पर मंथन

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भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण मामले में 6 साल पहले कानून बन गया था। लेकिन अभी तक नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण नहीं मिल पा रहा है। वहीं, आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट में घिरने के बाद सरकार ने इस समस्या का हल निकालना शुरू कर दिया है। ओबीसी आरक्षण पर हल खोजने के लिए सीएम हाउस में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सभी पार्टी के नेताओं के बीच शुरू हुई चर्चा खत्म हो गई है।
गुरुवार की सुबह मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में प्रदेश में ओबीसी के सदस्यों को आरक्षण के संबंध में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ ही ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर खुलकर चर्चा की।
इस बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रामेश्वर ठाकुर, वरुण ठाकुर, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव, आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल मंत्री प्रहलाद पटेल जैसे मध्य प्रदेश ओबीसी आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसुमरिया मंत्री कृष्णा गौर जैसे दिग्गज नेता मौजूद रहे।
इस बैठक में सभी नेताओं ने अपने-अपने मत सरकार को दिए। बैठक के दौरान विभिन्न दलों ने अपनी चिंताओं और आवश्यकताओं को स्पष्ट किया। इसके चलते मुद्दे पर दलों के बीच गहन विचार विमर्श हुआ। सीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक से आरक्षण मुद्दे में आगे की नीतिगत दिशा तय करने में सहायता मिलेगी। इस बैठक का मूल उद्देश्य ही सभी दलों के विचारों को सुनना और सामंजस्यपूर्ण समाधान निकालना था।
सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार तो हमेशा से ही ओबीसी को 27% आरक्षण देना चाहती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला होने की वजह से कुछ समस्याएं आ रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे का हाल सभी दल मिलकर निकालेंगे। इससे समन्वय की स्थिति बनेगी और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की राह आसान हो जाएगी।
बैठक शुरू होने से पहले मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि जिन लोगों ने गड़बड़ की, क्या उनको सजा मिलेगी? पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, बीजेपी सरकार ने कांग्रेस द्वारा दिए आरक्षण को क्यों रोका?
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 6 साल पहले कमल नाथ की सरकार में आदेश हुआ था। अध्यादेश भी आया था। इस तरह से पुराने घर में नारियल फोड़कर 27 प्रतिशत आरक्षण का गृह प्रवेश कर रहे हैं। सर्वदलीय बैठक की आवश्यकता तब पड़ती है जब विवाद हो, आपस में समन्वय न हो। कांग्रेस तो पहले से ही तैयार है। कांग्रेस ही अध्यादेश और कानून लेकर आई थी।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज यादव ने कहा पिछड़े वर्ग को आबादी के हिसाब से 52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन सरकार 14 प्रतिशत दे रही है। 13 प्रतिशत होल्ड आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू करें। वहीं, आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण तो प्रदेश में लागू हो गया था। यह ओबीसी का हक है और उसे मिलना ही चाहिए। केंद्र-राज्य में बीजेपी सरकार है। चाहे तो 27 प्रतिशत आरक्षण हो सकता है पर वह लटकाए हुए हैं।

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