श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान…यहां देखें ऋषि पंचमी की आरती लिरिक्स

धर्म { गहरी खोज } :आज ऋषि पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति के लिए सप्तर्षियों की विधि विधान पूजा करते हैं। ये व्रत स्त्री-पुरुष दोनों करते हैं। कहते हैं इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति आती है। यहां हम आपको बताएंगे ऋषि पंचमी की पूजा के समय कौन सी आरती की जाती है।
ऋषि पंचमी आरती
श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।। ॐ जय
गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।। ॐ जय।।
द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय।।
पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।ॐ जय।।
गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।ॐ जय।।
अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।ॐ जय।।
पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।ॐ जय।।
भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।ॐ जय।।
ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।ॐ जय।।