कटरा भूस्खलन में 32 मृतकों के परिवारों को 9-9 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान

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  • एलजी मनोज सिन्हा कटरा के पास माता वैष्णो देवी नारायण अस्पताल में घायलों से मिले

जम्मू{ गहरी खोज }: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कटरा में हुए भूस्खलन की घटना के 32 मृतकों के परिवारों को 9-9 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से बात की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तत्परता से राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है। उपराज्यपाल ने आज कटरा स्थित एसएमवीडी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल जाकर भूस्खलन में घायल हुए श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि श्राइन बोर्ड की नीति के अनुसार 5 लाख रुपये दिए जाते हैं और आपदा प्रबंधन विभाग भी मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये प्रदान करेगा। उपराज्यपाल ने कहा कि कटरा भूस्खलन की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कल दोपहर बादल फटने के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन अर्धकुंवारी के पास बादल फटने के कारण कई लोग पानी के बहाव में बह गए। उन्होंने कहा कि कई अनमोल जानें गईं और कई घायल हुए। उन्होंने कहा कि कई मृतकों की पहचान हो गई है और उनके शवों को घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
कटरा स्थित एसएमवीडी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल जाकर भूस्खलन में घायल हुए श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। डॉक्टरों से सर्वोत्तम संभव उपचार सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने आपातकालीन सेवाकर्मियों, एसएमवीडीएसबी कर्मचारियों और नागरिकों के प्रति कृतज्ञता जताई, जिनके अनुकरणीय प्रयासों से कई लोगों की जान बच गई। उपराज्यपाल सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया है। विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है और मैंने अधिकारियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने और अपने-अपने पदों पर कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उपराज्यपाल ने जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और बाढ़ की स्थिति तथा बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वहां प्राथमिकता के आधार पर बिजली, संचार और जल आपूर्ति बहाल की जाए। निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 5000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, मंडलायुक्त कार्यालय के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
भारतीय सेना ने एक बयान में बताया कि जम्मू और पठानकोट क्षेत्रों में आई भीषण बाढ़ से निपटने के लिए राहत एवं बचाव अभियानों में 13 बाढ़ राहत और बचाव टुकड़ियां तैनात की गई हैं। त्वरित और समन्वित प्रयासों का प्रदर्शन करते हुए ये टुकड़ियां जीवन बचाने के लिए खराब मौसम की स्थिति में भी अथक परिश्रम कर रही हैं। अर्धकुंवारी, कटरा में व्हाइट नाइट कोर की राहत टुकड़ी, श्राइन बोर्ड, जेकेपी और सीआरपीएफ के बचाव दलों के साथ मिलकर भूस्खलन पीड़ितों की सहायता कर रही है।
सेना ने कहा कि मानवीय सहायता को अधिकतम करने के लिए सभी एजेंसियों के साथ गहन समन्वय किया जा रहा है। नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय में राहत एवं बचाव टुकड़ियों के प्रयासों से 12 बीएसएफ और 22 सीआरपीएफ कर्मियों सहित 635 नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला गया है। भारतीय सेना इस संकट के समय में सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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