‘दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 2025’ विद्यार्थी के शिक्षा के अधिकार को सशक्त करेगा : आशीष सूद

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025’ शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। विद्यालयों में मनमाने शुल्क निर्धारण पर रोक लगाते लिए यह कानून अभिभावकों को राहत प्रदान करेगा और विद्यार्थी के शिक्षा के अधिकार को सशक्त करेगा।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह विचार बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैक्टरी में दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025 पर आयोजित एक विशेष व्याख्यान सत्र में व्यक्त किए।
शिक्षा मंत्री ने यहां छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि कि दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए दिल्ली निजी स्कूल फीस विनियमन विधेयक-2025 विधानसभा में पेश किया था जो अब स्वीकृति के बाद कानून का रूप ले चुका है। इसका उद्देश्य शिक्षा को केवल एक सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और समान अवसर का माध्यम बनाना है।
शिक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि यह अधिनियम शिक्षा के क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाएगा और अभिभावकों और विद्यार्थियों दोनों के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 का उल्लेख करते हुए कहा की उस कानून में केवल 300 प्राइवेट स्कूल (जिन्होंने DDA से जमीन ली थी) को रेगुलेट करने का ही प्रावधान था। जिस कारण अन्य स्कूलों पर कोई कार्यवाही नहीं होती थी। उन्होंने यह भी बताया की दिल्ली में समय के साथ प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़कर आज लगभग 1700 हो चुकी है, जिनमें 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन फीस बढ़ाने के लिए 300 स्कूलों पर ही कार्यवाही होती है। लेकिन अब दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम 2025 के लागू होने की बाद अब सभी 1700 प्राइवेट स्कूलों पर सरकार का आदेश लागू होगा, केवल डीडीए लैंड क्लॉज वाले स्कूलों पर नहीं। नए कानून के अनुसार अब सभी निजी स्कूल इसके दायरे में आ गए है।
शिक्षा मंत्री सूद ने बताया कि दिल्ली विधानसभा में 8 अगस्त को यह शिक्षा विधेयक पारित किया गया। इसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की स्वीकृति के साथ दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम 2025 लागू हो गया। इसके लागू होते ही अब कोई भी स्कूल तय की गई फीस से ज्यादा धनराशि नहीं वसूल सकेगा। हर स्कूल में फीस समिति होगी। इन समितियों में प्रबंधन, शिक्षक, अभिभावक, महिलाएं और वंचित वर्ग के लोग शामिल होंगे। इसके अलावा जिले में शिकायत निवारण समिति होगी। इसमें फीस से जुड़ी शिकायतें और विवाद वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों की अध्यक्षता में बनी समिति तुरंत सुलझाएगी। इस साथ-साथ उच्चस्तरीय पुनरीक्षण समिति होगी। यह समिति जिला स्तर के फैसलों पर अपील की जांच करेगी, ताकि कोई भी पक्षपात न हो। स्कूलों को स्वीकृत फीस का ब्योरा नोटिस बोर्ड, वेबसाइट और हिंदी, अंग्रेजी व स्कूल की भाषा में खुले रूप में प्रदर्शित होगा।