गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया…देखें गणेश चतुर्थी के सुपरहिट भज

0
ede048cc249a4853031c5873a867d34b

धर्म { गहरी खोज } :इस साल 27 अगस्त 2025 से गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है और इसके पहले दिन घर-घर में बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। गणपति उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है और समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है। इस दौरान घर-घर से बप्पा के गानों की गूंज सुनाई देती है। ये त्योहार बिना गानों के अधूरा सा लगता है इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं गणेस

गणेश चतुर्थी भजन
मेरे गणराज आये है भजन

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,
निर्विघ्नं कुरु मे देव,
सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
पूजा होती है आपकी,
हे सिद्धि के दाता सर्वदा,
जय हो आपकी।
आप घर आए मेरे,
हम पर कृपा हुई,
हम सब भक्तो की बप्पा,
दुनिया ही गुलशन हुई।
अपनी दया की दृष्टि से,
किरपा करो सब भक्तो पर,
सेवा करेंगे हम सभी,
आकर के तेरी चौखट पर ॥
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
देव सरताज आए है,
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आए है ॥
नयन गंगा बहाकर के,
पखारों इनके चरणों को,
मेरे गणराया के संग संग,
मेरे गणराया के संग संग,
ये मूषकराज आए है,
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आए है ॥
कभी रीझे ना ये धन पे,
पुकारा हमने है मन से,
दुखो को दूर कर सबके,
दुखो को दूर कर सबके,
बचाने लाज आए है,
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आए है ॥
उमड़ आई मेरी अँखियाँ,
देखकर अपने बप्पा को,
हमारी बिगड़ी किस्मत को,
हमारी बिगड़ी किस्मत को,
बनाने आज आए है,
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आए है ॥
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
देव सरताज आए है,
सजा दो घर को फूलों से,
मेरे गणराज आए है ॥

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला भजन

गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥
है सबसे जुदा और सबसे ही न्यारी,
है शंकर के सूत तेरी मूषक सवारी,
होती देवों में प्रथम तेरी पूजा,
नहीं देव कोई है तुमसे निराला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥
जो है बाँझ संतान उनको मिली है,
जो है सुने आँगन वहां कलियाँ खिली है,
कोढ़ी तुम देते कंचन सी काया,
भूखे को देते हो तुम ही निवाला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥
रिद्धि और सिद्धि हो तुम देने वाले,
ये तन मन ये जीवन है तेरे हवाले,
‘अविनाश’ गाए और छूटे ना सरगम,
बना दे ‘बिसरया’ तू गीतों की माला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥
गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

जागो गौरी नंदन जागो भजन

जागो गौरी नंदन जागो,
जागो गौरी नँदन जागो,
जग उजियारा फैला तेज तिहारा,
जागो गौरी नँदन जागो ॥
माँ गिरिजा ने तुझे जन्म दिया है,
शिव भोले ने उपदेश दिया है,
प्रथमे तुझको सब ही मनाए,
जागो गौरी नँदन जागो,
जग उजियारा फैला तेज तिहारा,
जागो गौरी नँदन जागो ॥
अरब खरब के हो वरदाता,
रिद्धि सिद्धि नवनिधि के दाता,
भक्तन के भंडार भराए,
जागो गौरी नँदन जागो,
जग उजियारा फैला तेज तिहारा,
जागो गौरी नँदन जागो ॥
जनम जनम के दास तिहारे,
हाथ जोड़ कर खड़े है द्वारे,
हर मुश्किल में तुम ही सहारे,
जागो गौरी नँदन जागो,
जग उजियारा फैला तेज तिहारा,
जागो गौरी नँदन जागो ॥
जागो गौरी नंदन जागो,
जागो गौरी नँदन जागो,
जग उजियारा फैला तेज तिहारा,
जागो गौरी नँदन जागो ॥

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *