बिहार नई नीति के तहत निवेशकों को मुफ्त जमीन,40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सहायता देगा: नीतीश कुमार

पटना{ गहरी खोज }: बिहार सरकार ने मंगलवार को एक नई नीति की घोषणा की जिसके तहत औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करने वालों को मुफ्त जमीन और 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025’ (बीआईपीपीपी-2025) कृषि प्रधान राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा और अगले पांच वर्ष में करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा।
कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद नए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (बीआईपीपीपी-2025) को लागू किया है। इसके तहत निवेशकों को 40 करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान दिया जाएगा। ’’
कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नई नीति को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ नए औद्योगिक पैकेज के तहत निवेश को बढ़ावा देने के लिए निशुल्क भूमि आवंटन किया जाएगा। 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली और 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निशुल्क आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निशुल्क आवंटित की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निशुल्क आवंटित की जाएगी।’’ इस औद्योगिक पैकेज के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना होगा।
कुमार ने कहा, ‘‘ यह नया औद्योगिक पैकेज पांच वर्ष में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार प्रदान करने में मदद करेगा। इस पहल का उद्देश्य बिहार में उद्योगों को और बढ़ावा देना, राज्य के युवाओं को कुशल एवं आत्मनिर्भर बनाना उन्हें राज्य के भीतर ही अधिकतम रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाना और उनका भविष्य सुरक्षित करना है।’’
उन्होंने कहा कि नई इकाइयों के लिए स्वीकृत परियोजना लागत के 300 प्रतिशत तक शुद्ध राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए दी जाएगी। 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी और निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लिए प्रति वर्ष 40 लाख रुपये होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ इसके अनावा कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहायता तथा पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।’’ गौरतलब है कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।