हरतालिका तीज पर जरूर पढ़ें गणेश जी की कहानी, दांपत्य जीवन में हमेशा बनी रहेगी खुशहाली

धर्म { गहरी खोज } : सनातन धर्म में गणेश जी की कथा यानी विनायक जी की कहानी का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं ये कथा किसी भी व्रत-त्योहार में पढ़ी जा सकती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस कथा को पढ़ने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आज हरतालिका तीज है ऐसे में इस दिन भी गणेश जी की कहानी जरूर पढ़ें।
एक नगर में एक बुढ़िया माई रहती थी जो मिट्टी के गणपति जी की पूजा करती थी। लेकिन वह गणेश जी की प्रतिमा रोज बनाए और वह रोज ही गल जाए। एक दिन उसके घर के पास एक सेठ का मकान बन रहा था। वो मकान बनाने वाले मिस्त्री से जातक बोली मेरे लिए पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले माई जितने हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।
बुढ़िया ने कहा कि राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। अब मिस्त्री जितनी बार दीवार बनाए वो टेढ़ी हो जाए। हर बार वो चिनें और ढा देवें, चिने और ढा देवें। ये करते-करते उन्हें शाम हो गई। शाम को सेठ जी आये उन्होंने देखा कि कुछ भी काम नहीं हुआ है। तब एक मिस्त्री ने सेठ जी से कहा कि एक बुढ़िया आई थी वो कह रही थी मेरा पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने नहीं घड़ा तो उसने कहा कि तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। तब से दीवार सीधी ही नहीं बन रही है। हम बार-बार बनाते हैं और ढ़ा देते हैं।
सेठ ने बुढ़िया को बुलवाया। कहा माई हम तेरे लिए सोने का गणेश गढ़ देंगे बस हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया को सोने का गणेश गढ़ा दिया इसके बाद सेठ की दीवार सीधी हो गई। हे विनायक भगवान जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।