जानें, फर्टिलिटी साइकिल से जुड़ी इन बातों पर हर महिला को क्यों देना चाहिए जरूर ध्यान

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: फर्टिलिटी साइकिल, एक महिला के स्वास्थ्य, हॉर्मोन्स का संतुलन, प्रजनन क्षमता समझने में मददगार होता है। इसलिए एक महिला के यह बेहद जरूरी है कि वह अपने फर्टिलिटी साइकिल को अच्छे से समझे। फर्टिलिटी साइकिल के कुल चार फेज होते हैं जिसके अनुसार महिला के सबसे फर्टाइल दिनों का पता चलता है और इस दौरान प्रेगनेंसी की सम्भावना बढ़ जाती है। आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा के अनुसार, हर महिला के फर्टिलिटी साइकिल के चार फेज होते हैं जिसमे मासिक धर्म, ओव्यूलेशन, फॉलिक्युलर और ल्यूटल फेज शामिल होता है।
इन सभी फेजों में महिला के शरीर में अलग अलग परिवर्तन होते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण हैं ओवुलेशन फेज क्यूंकि इस दौरान महिला के अंडाशय से एक परिपक्व अंडा निकलता है और यह समय गर्भधारण के लिए सबसे अच्छा होता है। इसे समझने के लिए आप ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट या अन्य साधनों का प्रयोग कर सकते हैं।
फर्टिलिटी साईकिल के मुख्य चरण:
- मासिक धर्म: यह किसी भी महिला के फर्टिलिटी साइकिल का पहला चरण होता है जिसमे लगभग चार दिनों तक महिला के योनि से रक्तस्राव होता है और पेट में ऐंठन भी होती है। इस फेज हर महिला के लिए अलग अलग हो सकता है। किसी को इस दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है किसी को सामान्य।
- फॉलिक्युलर फेज: यह फेज मासिक धर्म के बाद आता है। इस दौरान महिला के अंडाशय में अंडा बनने की शुरुआत होती है। अंडा बनने के साथ महिला शरीर में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है और अंडा परिपक्व होने लगता है।
- ओव्यूलेशन फेज: यह फर्टिलिटी साइकिल का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। इस दौरान महिला के अंडाशय में अंडा परिपक्व होकर बाहर आने के लिए तैयार हो जाता है। इस समय कोई भी महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है और बिना सुरक्षा के सेक्स करने पर गर्भधारण की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
- ल्यूटियल फेज: यह मासिक धर्म चक्र का चौथा और आखिरी चरण होता है। इस दौरान महिला का गर्भाशय प्रेगनेंसी के लिए तैयार हो जाता है लेकिन किसी कारणवश अगर प्रेगनेंसी नहीं हुयी है तो दुबारा मासिक धर्म (पीरियड्स) के साथ यह फेज समाप्त हो जाता है।
जिन महिलाओं का मासिक धर्म नियमित रूप से हर महीने आता है उनके लिए यह ख़ुशी की बात हो सकती है लेकिन जिन महिलाओं का मासिक धर्म समय पर नहीं होता है उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए क्यूंकि यह हार्मोनल असंतुलन से संबंधित किसी रोग का संकेत हो सकता है जो निकट भविष्य में आपके लिए मातृत्व के दरवाजे बंद कर सकता है।