गांधी के नाम पर सत्ता भोगने वालों ने न स्वदेशी अपनाया, न स्वच्छता को महत्व दिया : मोदी

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अहमदाबाद{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिन्होंने दशकों तक गांधी के नाम पर सत्ता का सुख भोगा, उन्होंने न स्वदेशी को अपनाया और न ही स्वच्छता को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने लंबे शासनकाल में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, बल्कि आयात पर निर्भरता बढ़ाकर भ्रष्टाचार के अवसर पैदा किए।
प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद के खोडलधाम मैदान में 5,400 करोड़ रुपये की लागत वाली शहरी विकास, ऊर्जा, सड़क और रेलवे से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगभग 60-65 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी ने शासन किया और इस दौरान भारत को दूसरों पर निर्भर बनाए रखा। उन्होंने कहा, “यह निर्भरता आयात में भ्रष्टाचार का माध्यम बनी और इसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ा।” उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, आज का भारत आत्मनिर्भरता को विकसित भारत के निर्माण की आधारशिला बना रहा है।
मोदी ने गुजरात को दो मोहन की धरती बताते हुए कहा कि एक हैं सुदर्शन चक्रधारी मोहन, यानि द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण और दूसरे हैं चरखाधारी मोहन, यानि पूज्य महात्मा गांधी। उन्होंने कहा कि आज का भारत दोनों महानों के दिखाए मार्ग पर चलकर निरंतर सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा, “चरखाधारी मोहन, हमारे पूज्य बापू ने स्वदेशी का रास्ता दिखाया था, लेकिन जिन लोगों ने दशकों तक उनके नाम पर राजनीति की, उन्होंने बापू की आत्मा को ही कुचल दिया। न स्वदेशी अपनाया, न स्वच्छता पर ध्यान दिया।”
मोदी ने जनता से अपील की कि वे अपने जीवन में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें और आने वाले त्यौहारों को आत्मनिर्भरता के उत्सव के रूप में मनाएं। उन्होंने कहा कि आज देश आत्मनिर्भरता को अपनी शक्ति बना रहा है और यही भविष्य के विकसित भारत की नींव है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पूज्य बापू के आदर्शों—स्वदेशी और स्वच्छता—को जन-जन तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की साझा प्रतिबद्धता है।
त्योहारों को आत्मनिर्भरता के उत्सव में बदलने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इस समय गणेश उत्सव का अद्भुत उल्लास है और इसी शुभ अवसर पर गुजरात की धरती से अनेक विकास परियोजनाओं का श्रीगणेश हुआ है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि आने वाले त्यौहार केवल संस्कृति और परंपरा का उत्सव ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता के भी उत्सव बनें।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कड़े रुख का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले आतंकी बेगुनाहों का खून बहाते थे और दिल्ली की सरकार कुछ नहीं करती थी। लेकिन आज भारत आतंकियों और उनके आकाओं को कहीं भी छिपने नहीं देता। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले का बदला भारतीय सेना ने मात्र 22 मिनट में पाकिस्तान में घुसकर लिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारी सेना के शौर्य और भारत की इच्छाशक्ति का प्रतीक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने लघु उद्यमियों, दुकानदारों, किसानों और पशुपालकों को आश्वस्त किया कि मोदी सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनका हित सर्वोपरि है और सरकार कभी उनका अहित नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि गुजरात आज उद्योग और विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन से लेकर मेट्रो कोच का उत्पादन हो रहा है, जिन्हें विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। राज्य कारों, मोटरसाइकिलों और हवाई जहाज के पुर्जों के निर्माण में भी अग्रणी है। वडोदरा में परिवहन विमानों का निर्माण शुरू हो चुका है। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का भी गुजरात बड़ा केंद्र बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने गरीबों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि नए पक्के घर उनकी खुशी का प्रमाण हैं। इस बार नवरात्रि और दीपावली उन घरों में रहने वालों के लिए और भी खास होंगी। उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम का नवीनीकरण बापू को सच्ची श्रद्धांजलि है।
रेलवे क्षेत्र की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में बंदरगाहों और औद्योगिक केंद्रों के बीच बेहतर रेल संपर्क की आवश्यकता थी। 2014 के बाद से पिछले 11 वर्षों में 3000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए गए और पूरे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया गया है।
उन्होंने झुग्गीवासियों के लिए पक्के मकान बनाने की पहल को श्रमिक परिवारों के जीवन सुधार का अहम कदम बताया। जिसको किसी ने नहीं पूछा, मोदी उसको पूजता है, यह कहते हुए उन्होंने पिछड़ों और नव-मध्यम वर्ग की प्राथमिकता को अपना मिशन बताया।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी में सुधार की घोषणा करते हुए कहा कि इस बार दिवाली पर व्यापारी वर्ग और आम परिवारों को खुशियों का डबल बोनस मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है और अब नव-मध्यम वर्ग राष्ट्र की प्रगति में नई शक्ति के रूप में उभर रहा है।
त्योहारों के मौसम का उल्लेख करते हुए उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे मेड इन इंडिया और स्वदेशी वस्तुओं को ही अपनाएं। उन्होंने कहा कि चाहे सजावटी सामान हों या उपहार, हमें देशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। व्यापारियों से भी उन्होंने आग्रह किया कि वे विदेशी आयातित वस्तुओं को बेचने से बचें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे लेकिन प्रभावशाली कदम भारत की प्रगति और समृद्धि में बड़ा योगदान कर सकते हैं। उन्होंने दोहराया कि आने वाले नवरात्रि, विजयादशमी, धनतेरस और दीपावली केवल संस्कृति का नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का भी उत्सव बनें।

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