छह दशक से संस्कारमय शिक्षा दे रहा विद्या भारती: शेखावत

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जोधपुर{ गहरी खोज }: इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विद्या भारती पिछले छह दशक से संस्कारमय शिक्षा दे रहा है। जोधपुर में यह यात्रा 1964 से जारी है और वर्तमान में 17 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संस्थान की स्थापना रक्षा और खेल क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए की गई है। विद्या भारती के संगठन मंत्री यतींद्र शर्मा ने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष में यह बड़ा प्रकल्प विकसित किया जा रहा है। लालसागर परियोजना की कुल लागत लगभग 110 करोड़ रुपये है। पहले चरण में 30 करोड़ खर्च कर हॉस्टल का निर्माण किया गया है, जिसमें 400 से अधिक छात्रों के रहने की व्यवस्था होगी। इनमें से 200 विद्यार्थी रक्षा और 200 विद्यार्थी खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित किए जाएंगे। प्रवेश केवल चयन परीक्षा के माध्यम से होगा। परियोजना समिति अध्यक्ष डॉ. निर्मल गहलोत ने बताया कि यह केंद्र रक्षा, खेल, आचार्य प्रशिक्षण, प्रशासनिक सेवाओं, कौशल विकास तथा शोध-आधारित शिक्षा का उत्कृष्ट मॉडल होगा। विद्या भारती जोधपुर प्रांत अध्यक्ष प्रो. नरपत सिंह शेखावत ने बताया कि यह केंद्र शिक्षा, संस्कार, अनुशासन और राष्ट्र सेवा के मूल्यों पर आधारित एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित होगा। परियोजना के लिए आर्थिक सहयोग देने वाले भामाशाहों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोपहर मेें मारवाड़ राजपूत सभा भवन में शहीद वीरांगनाओं का सम्मान किया। सभा के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा ने बताया कि मारवाड़ राजपूत सभा की ओर से रक्षामंत्री का अभिनन्दन भी किया गया। इस दौरान केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।

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