ग्रेट निकोबार परियोजना पारिस्थितिकी संबंधी ‘महा आपदा’ : जयराम रमेश

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस महासचिव और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को ‘ग्रेट निकोबार मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर’ परियोजना को पारिस्थितिकी संबंधी “महा आपदा” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस परियोजना को मनमाने ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है। रमेश ने इस मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ अपने पिछले संवाद का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने परियोजना पर चिंता जताई थी।
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पर्यावरण मंत्री के साथ बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। उन्होंने कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि नये साक्ष्य बताते हैं कि वन अधिकार अधिनियम के तहत स्थानीय आदिवासी समुदायों के अधिकारों का समाधान नहीं किया गया है। रमेश ने दावा किया कि यह परियोजना नि:संदेह पारिस्थितिकी संबंधी “महा आपदा” है।
कांग्रेस नेता ग्रेट निकोबार परियोजना को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र के वनवासियों और आदिवासियों के अधिकारों का ध्यान नहीं रखा गया है। ग्रेट निकोबार परियोजना में 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक बंदरगाह, एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक टाउनशिप और एक बिजली संयंत्र का निर्माण शामिल है।