मुख्यमंत्री खांडू ने समावेशी विकास को सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताया

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ईटानगर{ गहरी खोज }: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शनिवार को समावेशी विकास व कल्याण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्य में कमजोर समूहों का समर्थन करने, आदिवासी पहचान को मजबूत करने और महिला नीत प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में विवरण साझा करते हुए कहा, “अरुणाचल प्रदेश यह सुनिश्चित कर रहा है कि समाज का हर वर्ग एक साथ आगे बढ़े।”
खांडू ने कहा कि प्रमुख घोषणाओं में मुख्यमंत्री की सामाजिक सुरक्षा योजना ने पहले ही 68,000 से अधिक बुजुर्ग नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान की है, जिससे समाज के कुछ सबसे कमजोर वर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन अंत्योदय’ के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 435 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत बुनियादी सेवाओं और आजीविका के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
खांडू ने स्वदेशी विरासत के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपातानी, मिश्मी, वांचो, तुत्सा, शेरदुकपेन और सजोलंग जैसे समुदायों के लिए ‘गुरुकुल’ स्थापित करने के प्रस्ताव की घोषणा की। उन्होंने साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि आदिवासी संस्कृति और भाषाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाशिए पर खड़े पुरोइक समुदाय के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लिए पुरोइक कल्याण बोर्ड को मजबूत किया गया है। उन्होंने आर्थिक सशक्तीकरण पर कहा कि 11,730 नए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से महिला नेतृत्व को मजबूत किया जा रहा है। खांडू ने कहा कि जनजातीय उत्पादों को ‘अरुणिमा’ ब्रांड के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है और राज्य भर में 2,000 से ज्यादा उचित मूल्य की दुकानों पर ईपीओएस मशीनें लगाई गई हैं, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हुआ है।

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