साइबर पुलिस ने बंटी-बबली स्टाइल में ठगने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, दाे गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो टीवी सीरियल और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर काम दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ऐंठ रहा था। पकड़े गए आरोपितों की पहचान लखनऊ निवासी तरुण शेखर शर्मा (32) और दिल्ली की नांगलोई निवासी आशा सिंह उर्फ भावना (29) के रूप में हुई है।
दोनों आरोपित फिल्म ‘बंटी और बबली’ से प्रेरित होकर इस ठगी के धंधे में उतर आए थे। इनके पास से 7 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 15 बैंक पासबुक-चेकबुक, 8 एटीएम कार्ड और सोने के टॉप्स/ईयर रिंग्स बरामद हुए हैं।
दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी अमित गोयल के अनुसार डाबड़ी निवासी महिला ने साइबर थाना में शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी एक्टिंग- मॉडलिंग का डिप्लोमा कर रही थी। इसी दौरान फेसबुक पर स्टार प्लस के एक सीरियल में नए कलाकारों की जरूरत का विज्ञापन दिखा। विज्ञापन से जुड़े नंबर पर कॉल करने पर सामने वाले ने खुद को एमटीवी स्प्लिट्सविला का प्रतिभागी और डायरेक्टर बताया। आरोपित ने पीड़िता को मशहूर प्रोड्यूसर रंजन शाही और सिंटा की एचआर हेड अनीता से मिलवाने का झांसा दिया। उसके बाद धीरे-धीरे अलग-अलग बहानों से 24 लाख रुपये की रकम मांगी और ट्रांसफर करवा ली। रकम मिलते ही पीड़िता को व्हाट्सऐप पर ब्लॉक कर दिया गया। पुलिस ने शिकायतकार्ता के बयान पर मुकदमा दर्ज किया।
डीसीपी के अनुसार इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल नंबर, डिजिटल फुटप्रिंट और पैसों के ट्रेल का गहन विश्लेषण किया। इस बीच पुलिस को पता चला कि आरोपित होटल बदल-बदलकर अलग-अलग राज्यों – लखनऊ, गुजरात, मध्यप्रदेश, केरल और कर्नाटक से ठगी करते थे। काफी जांच के बाद आखिरकार बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट में छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
ठगी का तरीका पुलिस अधिकारी के अनुसार अभी तक जांच में पता चला है कि अलग-अलग राज्यों में फर्जी पते दिखाकर 15 बैंक खाते और 10 से ज्यादा सिम कार्ड का आरोपितों ने इस्तेमाल किया है। पूछताछ पर पता चला कि आरोपित तरुण शेखर शर्मा और आशा सिंह उर्फ ​​भावना ने यूट्यूब वीडियो के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित किया था और वे अलग-अलग व्हाट्सएप हैंडल से पीड़ितों से संपर्क करते थे और अपराध के लिए मोबाइल नंबर, बैंक खाते और शहर बदलते रहते थे, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को धोखा दिया जा सके। वे देश भर में द ललित, क्राउन प्लाजा, वेलकम होटल आदि जैसे प्रीमियम होटलों में ठहरते थे। पुलिस अधिकारी के अनुसार जांच में पता चला है कि आरोपितों ने करीब 15 बैंक खाते खोले और धोखाधड़ी के लिए 10 से ज्यादा सिम कार्ड इस्तेमाल किए। जारी किए गए मोबाइल सिम कार्ड के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पते हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपित चार अन्य मामलों में भी संलिप्त पाए गए। इनमें उप्र के दो मामले, दिल्ली का एक पुराना मामला और जम्मू-कश्मीर के एक ऐसे ही मामले में वांछित है।

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