सीबीआई कोर्ट ने गबन के आरोपितों को पहुंचाया कारागार में

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जबलपुर{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में डाक विभाग से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई कोर्ट ने कड़ा फैसला सुनाते हुए सागर जिले के बीना एलएसजी उप डाकघर के तत्कालीन उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार को अदालत ने पांच वर्ष का कठोर कारावास और 39 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। वहीं उसके सहयोगी हेमंत सिंह और रानू नामदेव, जो उसी शाखा में उप डाकपाल के पद पर कार्यरत थे, को चार-चार साल का कठोर कारावास और सात-सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अदालत ने सुनवाई के बाद दोषियों को कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए गत दिवस यह संदेश दिया है कि जनता की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।अधिकारियों की इस हेराफेरी से सरकारी खजाने को 1.21 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई है।
सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि जनवरी 2020 से जुलाई 2021 के बीच आरोपी अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई डाक बचत खातों में हेराफेरी की। न केवल जाली पासबुक जारी की गईं, बल्कि खातों के लेनदेन में भी धोखाधड़ी कर सरकारी धन का गबन किया गया। इस गड़बड़ी के चलते सरकारी खजाने से 1 करोड़ 21 लाख 82 हजार 921 रुपये का गबन कर दिया था। इस डाकघर घोटाला मामले की जांच सीबीआई ने 17 नवंबर 2022 को शुरु की थी। जांच के बाद 29 दिसंबर 2023 को जबलपुर स्थित विशेष सीबीआई न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसके बाद मामले में विस्तृत सुनवाई हुई।

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