पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को नौ मई के आठ मामलों में जमानत दी

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इस्लामाबाद{ गहरी खोज }: पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने आज नौ मई 2023 के आठ मामलों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को जमानत दे दी। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इमरान खान को जमानत प्रदान करने का फैसला सुनाया। पीठ में न्यायमूर्ति हसन अजहर रिजवी और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफी शामिल रहे। पीठ ने लाहौर उच्च न्यायालय के जमानत खारिज किए जाने के खिलाफ पीटीआई संस्थापक की याचिका पर सुनवाई की।
लाहौर उच्च न्यायालय ने जून में लाहौर के जिन्ना हाउस पर हमले सहित नौ मई के दंगों से संबंधित अलग-अलग मामलों में जेल में बंद अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। पीटीआई संस्थापक दो साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। उन्होंने लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि प्राथमिकी में पर्याप्त सबूत नहीं हैं और दंगों में उनकी संलिप्तता के आरोप निराधार हैं।
आज सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने अभियोजक जुल्फिकार नकवी से संदिग्ध के खिलाफ सबूतों के बारे में पूछा। नकवी ने बताया कि खान के खिलाफ तीन लोगों ने गवाही दी है। साथ ही फोटोग्राफिक और आवाज मिलान परीक्षण भी उपलब्ध हैं। नकवी ने कहा, व्हाट्सएप संदेश भी उपलब्ध हैं। निचली अदालत ने विभिन्न परीक्षण करने की अनुमति दी थी, लेकिन संदिग्ध ने सहयोग नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने टिप्पणी की, इसके कानूनी परिणाम होंगे, आप यह सब अपने पक्ष में क्यों कह रहे हैं? उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय से निष्कर्ष न मांगें। कानून आपको खुद ही निष्कर्ष दे देगा। जो भी सबूत मौजूद हैं, उन्हें निचली अदालत में ही रहने दें। उन्होंने अधिकारी को निचली अदालत से निष्कर्ष मांगने का निर्देश भी दिया।
अभियोजक नकवी के इस दावे पर कि सबूत संदिग्ध से जुड़े हैं, न्यायमूर्ति रिजवी ने सवाल उठाया कि क्या 14 मई को गिरफ्तारी के बाद उनकी जमानत मंजूर होने के बाद कोई जांच की गई थी और क्या उन्होंने अधिकारियों के साथ सहयोग किया था या नहीं। अभियोजक ने जोर देकर कहा, पीटीआई संस्थापक की 09 मई के सभी मामलों में केंद्रीय भूमिका है।
इस बीच, बचाव पक्ष के वकील सलमान सफदर ने कहा कि इमरान के खिलाफ उक्त आठ मामलों में चालान पेश नहीं किया गया है। इमरान का नाम केवल तीन एफआईआर में है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने नौ मई के आठ मामलों में पीटीआई संस्थापक की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया।

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