महाराष्ट्र के पुणे घाट क्षेत्र के लिए ऑरेंज अलर्ट, समुद्र में ऊंची लहरों की चेतावनी

जलाशयाें से पानी छाेड़े जाने से कई जिलाें में बाढ़ जैसे हालात
मुंबई{ गहरी खोज }: महाराष्ट्र के पुणे घाट क्षेत्र के लिए गुरुवार को भारतीय मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र ने ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी जिलों में समुद्र में ऊँची लहरों की चेतावनी दी है। वहीं जलाशयाें से पानी छाेड़े जाने से कई जिलाें में बाढ़ जैसे हालात हाे गए हैं, जिससे लाेगाें काे बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। सड़कें जलमग्न हैं और यातायात भी प्रभावित है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया कि संभावित आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र की चेतावनी के बाद राज्य आपातकाली ने संचालन केंद्र ने गुरुवार को मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि ऊँची लहरों की चेतावनी अवधि के दौरान तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है। समुद्र के कटाव और ऊँची लहरों के समुद्र तट तक पहुँचने की चेतावनी जारी की गई है। सभी जिला प्रशासनों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने गुरुवार को बताया कि रत्नागिरी जिले में जगबुडी और रायगढ़ जिले में अंबा, ठाणे जिले में कालू नदी और कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी का जलस्तर चेतावनी के स्तर को पार कर गया है और जिला प्रशासन अलर्ट पर है। पुणे जिले के मुलशी के पडलघर के 9 परिवारों और रामनगर के 2 परिवारों सहित कुल 11 परिवारों को संभावित भूस्खलन के कारण लवासा शहर में स्थानांतरित कर दिया गया है। पुणे जिले के अंबेगांव मौजे घोडगांव में घोड नदी के तट पर पांच लोग फंस गए थे और उन्हें आपदा मित्रों ने बचाव नाव की मदद से सुरक्षित बचा लिया। पुणे जिले में शिवने नांदेड़ शहर, भिड़े पुल रोड, राजपूत स्लम से वारजे कर्वेनगर क्षेत्रीय कार्यालय में नगर मुख्यालय तक की सडक़ें सुरक्षा कारणों से बंद कर दी गई हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने आपदा के बाद के कार्यों में तेज़ी लाने के भी निर्देश दिए है। सूत्राें का कहना है कि पिछले दिनाें हुई भारी बारिश के कारण जलाशय पानी से लबालब भरे हुए हैं। इनसे पानी छाेड़े जाने से राज्य के कई जिलाें में बाढ़ जैसे हालात पैदा हाेे गए हैं और लाेगाें काे बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। आवागमन भी प्रभावित है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र अलमट्टी बांध (250000 क्यूसेक) से पानी छोडऩे और बांध के जलस्तर तथा सांगली, कोल्हापुर, सातारा (त. कराड) जिलों के निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति पर लगातार नजऱ रख रहा है। साथ ही सातारा, कोल्हापुर और सांगली जिलों के अलमट्टी बांधों में जलभराव के कारण बनने वाले जलस्तर को रोकने के लिए समन्वय किया जा रहा है। कोयना बांध से पानी छोडऩे की मात्रा 93000 क्यूसेक से घटाकर 80000 क्यूसेक, वार्ना बांध से 38000 क्यूसेक और वरुणा बांध से 13700 क्यूसेक कर दी गई है। कृष्णा नदी पर बने अन्य बांधों से भी पानी छोडऩे की मात्रा कम कर दी गई है। साथ ही राधानगरी बांध से नदी तल में 2860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और पंचगंगा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। नागरिकों को आवश्यक रूप से निकाला जा रहा है और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
वर्तमान में कृष्णा नदी इरविन ब्रिज सांगली में खतरे के निशान को पार कर गई है और डिस्चार्ज में कमी के कारण, सांगली जिले में आज दोपहर से जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा। सांगली जिले में राज्य राजमार्ग 07, प्रमुख जिला राजमार्ग-15, ग्रामीण राजमार्ग-08, अन्य जिला राजमार्ग 01 आदि को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है और यातायात के लिए वैकल्पिक सडक़ें उपलब्ध हैं। उजनी बांध के 100 प्रतिशत भर जाने के कारण, भीमा नदी में अतिरिक्त 130,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और भीमा नदी के किनारे बसे सभी गाँवों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। साथ ही पुणे जिले के दौंड में पानी बढ़ गया है और नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि सतारा जिले में नवजा-कोयनानगर पबलना मार्ग धंसने के कारण बंद कर दिया गया है और निस्रे से मारुल हवेली पुल पर पानी बह रहा है।