भारतीय क्रिकेट में अब यो-यो टेस्ट के साथ ब्रोंको टेस्ट भी होगा अनिवार्य: गौतम गंभीर

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय क्रिकेट टीम के फिटनेस मानकों को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिए कोच गौतम गंभीर और स्ट्रेंथ कोच एड्रियन ले रु ने एक नई पहल शुरू की है। अब भारतीय खिलाड़ी सिर्फ यो-यो टेस्ट से नहीं, बल्कि ब्रोंको टेस्ट से भी गुजरेंगे। यह कदम भारतीय क्रिकेटरों की फिटनेस को और अधिक बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
ब्रोंको टेस्ट, अब भारतीय क्रिकेट टीम के फिटनेस प्रोटोकॉल का हिस्सा बनेगा। इस टेस्ट में खिलाड़ी 60 मीटर की शटल रन करते हैं, जो कुल 1200 मीटर के बराबर होते हैं, और यह सभी रन बिना किसी ब्रेक के किए जाते हैं। इस पूरे टेस्ट को छह मिनट में पूरा करने का लक्ष्य होता है।
इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह था कि इंग्लैंड में हाल ही में हुई टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय टीम के कुछ तेज गेंदबाजों की फिटनेस पर सवाल उठे थे। मोहम्मद सिराज अकेले ऐसे तेज गेंदबाज थे जिन्होंने सभी पांच टेस्ट मैच खेले, जबकि अन्य गेंदबाजों की शारीरिक स्थिति और सहनशक्ति पर सवाल खड़े हुए।
गौतम गंभीर और ले रु की टीम कोचिंग स्टाफ का यह मानना है कि ब्रोंको टेस्ट खिलाड़ियों की एरोबिक सहनशक्ति को परखने के लिए एक बेहतरीन तरीका होगा। यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल के साथ अब यह ब्रोंको टेस्ट एक नया चुनौतीपूर्ण मानक होगा। यह टेस्ट विशेष रूप से टेस्ट और वनडे टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इन प्रारूपों में लंबे समय तक शारीरिक प्रदर्शन करना बेहद आवश्यक होता है।
गौतम गंभीर द्वारा समर्थित इस बदलाव के बाद, ब्रोंको टेस्ट को भारतीय क्रिकेट टीम की फिटनेस में एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाएगा। इससे खिलाड़ियों की मैच-रेडीनेस और सहनशक्ति को परखा जाएगा, जो आगामी टूर्नामेंट्स और सीरीज के लिए आवश्यक है।अब, भारतीय क्रिकेट की फिटनेस चुनौतियों में एक नई परत जुड़ने जा रही है, जिससे खिलाड़ियों को अपनी शारीरिक तैयारी पर ज्यादा ध्यान देने का अवसर मिलेगा।

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