मानसून सत्र में लोकसभा में बारह विधेयक पारित हुए : बिरला

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मानसून सत्र में 14 विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा कुल 12 विधेयक पारित किए गए।
श्री बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले गुरुवार को अपने वक्तव्य में कहा कि इस सत्र में 14 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा कुल 12 विधेयक पारित किए गए। गत 28 और 29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर के साथ हुआ। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा आरंभ की गयी।
उन्होंने कहा कि इस सत्र में कार्यसूची में 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे, किंतु लगातार नियोजित व्यवधान के कारण केवल 55 प्रश्न ही मौखिक उत्तर हेतु लिए जा सके। हम सभी ने सत्र के प्रारंभ में तय किया था कि हम इस सत्र में 120 घंटे चर्चा और संवाद करेंगे। कार्य मंत्रणा समिति में भी इस पर सहमति थी लेकिन लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधान के कारण हम मुश्किल से 37 घंटे ही इस सत्र में काम कर पाए।
अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है। जनता की हमसे बड़ी उम्मीद रहती है कि हम उनकी समस्याओं और व्यापक जनहित के मुद्दों पर, महत्वपूर्ण विधेयकों पर, संसद की मर्यादा के अनुरूप गंभीर और सार्थक चर्चा करें।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अथवा संसद परिसर में नारेबाजी करना, तख्तियां दिखाना और नियोजित गतिरोध संसदीय मर्यादा को आहत करता है। इस सत्र में जिस प्रकार की भाषा और आचरण देखा गया, वह संसद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। हम सभी का दायित्व है कि हम सदन में स्वस्थ परंपराओं के निर्माण में सहयोग करें। इस गरिमामयी सदन में हमें नारेबाजी और व्यवधान से बचते हुए गंभीर और सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए। संसद सदस्य के रुप में हमें अपने कार्य और व्यवहार से देश और दुनिया के समक्ष एक आदर्श स्थापित करना चाहिए। सदन और संसद परिसर में हमारी भाषा सदैव संयमित और मर्यादित होनी चाहिए।
श्री बिरला ने कहा कि सहमति और असहमति होना लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रक्रिया है, किंतु हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि सदन गरिमा, मर्यादा और शालीनता के साथ चले। हमें विचार करना होगा कि हम देश के नागरिकों को देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के माध्यम से क्या संदेश दे रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस विषय पर सभी राजनीतिक दल और सदस्य गंभीर विचार और आत्म-मंथन करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं इस सत्र की कार्यवाही में सहयोग हेतु प्रधानमंत्री, सभापति तालिका पर विराजमान सहयोगियों, केंद्रीय मंत्रिगणों, नेता प्रतिपक्ष, विभिन्न दलों के नेताओं, सदस्यों, प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधियों, लोकसभा सचिवालय तथा सम्बद्ध एजेंसियों का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ।”

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