कान्हा जी की छठी कब है 21 या 22 अगस्त? जानें इस दिन किन चीजों का भोग लगाना होता है शुभ

धर्म { गहरी खोज } : भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि के दिन जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है और इसके 6 दिन बाद कान्हा जी की छठी मनाई जाती है। कान्हा जी की छठी के दिन भी जन्माष्टमी की ही तरह बाल कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है और साथ ही विभिन्न प्रकार के भोग उन्हें लगाए जाते हैं। साल 2025 में ज्यादातर लोगों ने 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई। वहीं कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने 15 अगस्त के दिन भी जन्माष्टमी का त्योहार मनाया। ऐसे में जिन लोगों ने 16 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया था वो 22 अगस्त को कान्हा जी की छठी मनाएंगे। वहीं 15 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाने वालों को 21 अगस्त को कान्हा जी की छठी मनानी चाहिए।
कान्हा जी की छठी पर जरूर लगाएं इन चीजों का भोग
भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए कान्हा छठी के दिन लोग पूजा पाठ और दान करते हैं। इसके साथ ही श्रीकृष्ण को कुछ विशेष भोज्य पदार्थों का भोग भी इस दिन लगाया जाता है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि कान्ही जी की छठी के दिन आपको किन चीजों का भोग लगाना चाहिए जिससे आपको शुभ फलों की प्राप्त होगी।
कान्हा जी की छठी के दिन आपको माखन-मिश्री का भोग आपको श्रीकृष्ण को जरूर लगाना चाहिए। इसकी साथ ही इस दिन कढ़ी-भात का भोग लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन उत्तर भारत में कान्हा जी को कढ़ी-भात का भोग लगाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। वहीं खीर और पंजीरी का भोग भी इस दिन भक्तों को अवश्य लगाना चाहिए। कान्हा जी की छठी के दौरान सोहवर के गीत भी गाए जाते हैं, जिसमें महिलाएं नवजात बच्चों और उनकी माताओं को बधाइयां देते हैं।
कान्हा जी की छठी पर शुभ योग
कान्हा जी की छठी के दिन चंद्रमा स्वराशि कर्क में रहेंगे और साथ ही गुरु पुष्य योग भी बना रहेगा। ऐसे में इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। साथ ही यह दिन योग-ध्यान करने के लिए भी बेहद शुभ माना जा रहा है, इस दिन ध्यान करने से आपको अलौकिक अनुभव प्राप्त हो सकते हैं।