जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति की यात्रा से व्यापार के नए द्वार खुलेंगे: जिम्बाब्वे की राजदूत

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भारत-जिम्बाब्वे व्यापारिक संबंधों को मिलेगा नया आयाम, उपराष्ट्रपति की सूरत यात्रा ऐतिहासिक साबित होगी — राजदूत स्टेला नकोमो

सूरत { गहरी खोज }: ज़िम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति माननीय जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. सी.जी.डी.एन. चिवेंगा ‘जीसीजेडएम’ के आगामी दो दिवसीय सूरत दौरे को लेकर तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निमंत्रण पर होने वाली इस यात्रा को दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए द्वार खोलने वाला कदम माना जा रहा है। मंगलवार, 19 अगस्त 2025 को, ज़िम्बाब्वे की राजदूत महामहिम श्रीमती स्टेला नकोमो ने सूरत के सरसाना स्थित समहति में उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024 में 130.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है। यह आँकड़ा दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग तेजी से प्रगति कर रहा है।
राजदूत ने कहा कि ज़िम्बाब्वे सोना, प्लेटिनम और लिथियम जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जो भारतीय उद्योगपतियों और निवेशकों, विशेषकर सूरत के लिए बड़े अवसर प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी दौरे के दौरान कपड़ा, हीरा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, रत्न एवं आभूषण, फार्मा, रसायन और बुनियादी ढाँचे सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों और प्रमुखों के साथ सीधी व्यावसायिक बैठकें आयोजित होंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सहयोग के मुख्य क्षेत्र होंगे — कृषि उत्पादन और प्रसंस्करण, मशीनीकरण, खनन (सोना, प्लैटिनम, लिथियम), डिजिटल अवसंरचना, फिनटेक, ई-गवर्नेंस, विनिर्माण और ऊर्जा क्षेत्र। नकोमो ने कहा, “ज़िम्बाब्वे सरकार लगातार बुनियादी ढाँचे और बिजली आपूर्ति में सुधार, तथा व्यापार सुगमता के लिए काम कर रही है। इससे हमारा देश भारत सहित वैश्विक निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है।” दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि यह दौरा न केवल व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि सूरत के उद्यमियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में और अधिक अवसर उपलब्ध कराएगा।

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