रामलिंगम हत्याकांड के सिलसिले में एनआईए ने तमिलनाडु में 10 स्थानों पर की छापेमारी

चेन्नई{ गहरी खोज }: तमिलनाडु में बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के पदाधिकारी और हिंदू मोर्चा नेता के नेता वी. रामलिंगम की हत्या की जांच के सिलसिले में 10 स्थानों पर छापेमारी की है। वी. रामलिंगम ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएपआई) की धर्मांतरण गतिविधियों का विरोध किया था, जिसके चलते तंजावुर में वर्ष 2019 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रामालिंगम की हत्या मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को सुबह 6:00 बजे से डिंडीगुल जिले के ओट्टांचत्रम शम्सुद्दीन कॉलोनी स्थित मोहम्मद यासीन के घर पर जांच की। एनआईए ने वट्टलकुंडु के गांधीनगर एक्सटेंशन इलाके में मोहम्मद अली जिन्ना के ससुर उमर खत्ताब के घर पर भी जांच की है। इसी तरह डिंडीगुल, तेनकासी, कोडाइकनाल, वट्टालाकुंडु और बेगमपुर समेत कुल 10 जगहों पर तलाशी ली जा रही है। पूनमल्ली जेल में आरोपितों के बैंक लेनदेन की भी जांच की गई है।
तलाशी अभियान के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) शम्सुद्दीन और बैंक ऑफ इंडिया, डिंडीगुल के अधिकारी मौजूद रहे।एनआईए ने इस मामले में कई आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार किया है और कुछ फरार आरोपियों की तलाश में भी है। डिंडीगुल जिले के कोडाईकनाल निवासी मोहम्मद अली जिन्ना को हिंदू मोर्चा नेता रामलिंगम हत्याकांड के मुख्य आरोपी को शरण देने के आरोप में एनआईए ने 2024 में पूम्बराई से गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी 2019 को रामलिंगम की हत्या कर दी गई थी। 6 फरवरी को तमिलनाडु के तंजावुर जिले के थिरुविदाईमारुथुर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई। एनआईए ने 7 मार्च 2019 को जांच अपने हाथों में ले ली। जांच के बाद एनआईए की ओर बताया गया कि रामलिंगम की हत्या का मकसद धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और बदला लेना था। क्योंकि वे लगातार जबरन धर्मांतरण का विरोध कर रहे थे।