पीएम आवास के निर्माण में यूपी ने पेश की मिसाल, राष्ट्रीय औसत से भी रहा आगे

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री योगी के विजन और उनकी तेज कार्यशैली ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड उपलब्धियों तक पहुंचा दिया है। जहां राष्ट्रीय स्तर पर एक आवास निर्माण में औसतन 299 दिन लगते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश ने मात्र 195 दिन में आवास बनाकर एक मिसाल पेश कर दी है।
2016-17 से 2024-25 के बीच 36.57 लाख आवासों के लक्ष्य के सापेक्ष उत्तर प्रदेश ने अब तक 36.34 लाख आवासों का निर्माण पूरा कर लिया है। शेष आवासों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार की ओर से संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 3.73 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 3.51 लाख आवास पूरे हो चुके हैं, जबकि 22 हजार आवासों पर तेजी से काम जारी है।
योजना के अंतर्गत यूपी 99.37 प्रतिशत उपलब्धि के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है। सिक्किम 99.57 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है, हालांकि उसका लक्ष्य केवल 1399 आवासों का था। वहीं भारत सरकार के परफॉर्मेंस इंडेक्स, राजमिस्त्री प्रशिक्षण, सोशल ऑडिट, एरिया ऑफिसर एप पर इंस्पेक्शन, पात्र लाभार्थियों को भूमि पट्टा और आवास पूर्णता में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है।
निर्मित आवासों को कनवर्जेन्स के माध्यम से 99.39 प्रतिशत शौचालय, 93.31 प्रतिशत विद्युत कनेक्शन, 94.42 प्रतिशत एलपीजी कनेक्शन और 80.02 प्रतिशत पेयजल कनेक्शन से संतृप्त किया गया है। इससे प्रधानमंत्री आवास अब सिर्फ छत नहीं, बल्कि सुविधाओं से युक्त पूर्ण गृह बन रहे हैं।
हाल ही में मुख्य सचिव एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए कि शेष आवासों का निर्माण मानक एवं गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा किया जाए। साथ ही लाभार्थियों को दिव्यांगजन पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल जैसी योजनाओं से भी जोड़ा जाए, ताकि उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत बिजनौर जनपद की बोक्सा जनजाति के लिए स्वीकृत 145 आवासों में से 123 पूर्ण कर लिए गए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मॉडल आवास (ग्रामीण) के तहत 587 मॉडल हाउस बन चुके हैं, 190 निर्माणाधीन हैं। आवास प्लस सर्वेक्षण-2024 के वेरीफिकेशन का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2025-26 में 25 हजार महिला राजमिस्त्रियों को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है।

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