सोमवार का पॉवरफुल मंत्र: रंक को राजा बना सकता है ये शिव मंत्र बस जान लें इसके जाप का सही तरीका

धर्म { गहरी खोज } : कहते हैं मंत्र जाप से देवता शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर खूब कृपा बरसाते हैं। आज सोमवार है तो इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। कहते हैं जो भी भक्त इस शुभ दिन पर सच्चे मन से शिव के मंत्रों का जाप करता है उसके जीवन के समस्त दुखों का नाश हो जाता है और आज हम आपको शिव शंकर जी के एक ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जो आपको राजा बना सकता है।
पंचाक्षरी शिव मंत्र
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र भगवान शिव का सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण मंत्र है। इसे शिव का पंचाक्षरी मंत्र भी कहा जाता है। ॐ नमः शिवाय का अर्थ है भगवान शिव को नमस्कार। कहते हैं जो कोई सोमवार के दिन इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करता है उसके जीवन के समस्त दुखों का नाश हो जाता है।
पंचाक्षरी शिव मंत्र की उत्पत्ति कैस हुई?
पंचाक्षरी शिव मंत्र का वर्णन यजुर्वेद में मिलता है। ऐसा कहा गया है कि श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राअष्टाध्यायी में ’न’,’ मः’ ‘शि’ ‘वा’ और ‘य’ के रूप में प्रकट हुआ था। श्री रुद्रम चमकम् और रुद्राअष्टाध्यायी क्रमश कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद का हिस्सा हैं। शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता के अध्याय 1.2.10 और वायवीय संहिता के अध्याय 13 में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र लिखित रूप में है।
पंचाक्षरी मंत्र के जप का लाभ
इस मंत्र के जाप से भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं यदि व्यक्ति इस मंत्र का सही और शुद्ध रूप से उच्चारण करे तो उसके सभी कष्टों का निवारण हो जाएगा साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
पंचाक्षरी मंत्र के जाप की सही विधि
- यह मंत्र बोलकर या मानसिक रूप से जपा जाता है।
- इसे रुद्राक्ष माला से जपना चाहिए।
- कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप जरूर करें।
- आप इस मंत्र को कहीं भी और किसी भी समय जप सकते हैं।
- मंत्र को जपते समय मन में शिव का ध्यान होना चाहिए।