इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में स्वदेशी इलेक्ट्रिक पेट्रोलिंग वाहन ‘ज़ूटी’ का अनावरण

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) के इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन (आईआईएफ) में स्थापित स्टार्टअप मज़ौट इलेक्ट्रिक ने शनिवार को एक स्वदेशी इलेक्ट्रिक पेट्रोलिंग वाहन ‘ज़ूटी’ का लोकार्पण किया। यह वाहन विशेष रूप से भारतीय रक्षा कर्मियों तथा लॉजिस्टिक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
विश्वविद्यालय के पूर्वी परिसर में स्वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद आयोजित समारोह में कुलपति पद्मश्री डॉ. महेश ने ज़ूटी का अनावरण किया। इस अवसर पर संस्थापक एवं सीईओ अखिल गुप्ता ने कहा कि यह वाहन स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स और सरल डिज़ाइन के माध्यम से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ज़ूटी एक कॉम्पैक्ट और उपयोगिता-आधारित इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जिसे सुरक्षा गार्ड, परिसर प्रबंधक और बड़े संस्थानों में कार्यरत सहायक कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसमें 0.8 किलोवॉट घंटे की बैटरी लगी है, जो एक बार चार्ज करने पर 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकती है और इसकी अधिकतम गति 24 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह वाहन मात्र एक घंटे से भी कम समय में 90 प्रतिशत तक चार्ज हो जाता है तथा 120 किलोग्राम का पेलोड वहन करने में सक्षम है।
इस वाहन की सबसे विशेष बात इसका संपूर्ण इन-हाउस डेवेलप्ड इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम है, जिसमें माइक्रोकंट्रोलर से लेकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स तक सभी प्रमुख घटक स्टार्टअप की टीम द्वारा डिज़ाइन किए गए हैं। डीईवी-X1 और एमजेड-01 नामक पावरट्रेन नियंत्रक और आईओटी मॉड्यूल के रूप में कार्य करते हैं, जिससे इसे दूरस्थ रूप से मॉनिटर और नियंत्रित किया जा सकता है।
गुप्ता ने कहा कि आईपीयू के समर्थन और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता के बिना यह उपलब्धि संभव नहीं थी। हम आगामी महीनों में ज़ूटी की तैनाती विश्वविद्यालय परिसरों में करने की दिशा में अग्रसर हैं।
मज़ौट इलेक्ट्रिक की टीम में विपुल सैनी (तकनीकी सलाहकार), साक्षम चोपड़ा (संचालन एवं डिज़ाइन), माधव सचदेवा (ऑटोमोटिव डिज़ाइन), अर्नव भट्ट (पावरट्रेन डिज़ाइन), सार्थक मिश्रा (फुल स्टैक सॉफ्टवेयर) तथा राहुल गुप्ता (वाहन एकीकरण एवं डीबगिंग) शामिल हैं।
आईपी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी नलिनी रंजन ने बताया कि यह नवाचार दर्शाता है कि जब युवा उद्यमशीलता, संस्थागत सहयोग और राष्ट्रीय मिशन एक साथ आते हैं तो कैसे एक व्यावहारिक समाधान देश की सेवा में प्रस्तुत किया जा सकता है।