स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहली बार दिखाया गया मुख्यमंत्री के संदेश का सीधा प्रसारण

इंदौर{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में यह पहला अवसर था, जब स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय समारोहों में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्वतंत्रता दिवस संदेश का सीधा प्रसारण दिखाया गया। इसके लिए मुख्य कार्यक्रम स्थलों पर विशाल एलईडी पर्याप्त संख्या में लगायी गई थी। उपस्थितों ने पूरी तन्मयता के साथ मुख्यमंत्री के उद्बोधन को देखा और सुना।
इंदौर में आरएपीटीसी ग्राउण्ड महेश गार्ड लाईन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के उद्बोधन के पश्चात कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर जिले की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी और नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व की बधाई और शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि आनंद और उमंग के इस अवसर पर अभी हमने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का संबोधन सुना। प्रदेश की प्रगति और जन-कल्याण पर मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता और ओजस्वी वक्तव्य ने निश्चित ही हम सब में उल्लास का संचार कर दिया है।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत” के विजन को लेकर मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर और विकसित मध्य प्रदेश का जो रोड मैप बनाया है, उससे निश्चित ही प्रदेश प्रगति का नया अध्याय लिखेगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित मध्य प्रदेश का लक्ष्य साकार करने के लिए विकसित जिले की संकल्पना और योजना के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारे जिले की अपनी क्षमताएं, आकांक्षाएं, अवसर और चुनौतियां हैं। यही हमारे जिले को विशेष बनाती हैं।
उन्होंने बताया कि विगत डेढ़ वर्ष में इंदौर जिले की उपलब्धियाँ और नवाचार हमारी प्रगति की साक्षी हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए नगर निगम इंदौर ने स्वच्छ भारत मिशन के सुपर स्वच्छता लीग में सिरमोर रहकर देश में प्रदेश का मान बढ़ाया है। इंदौर ने जन-भागीदारी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समर्पण और उत्कृष्ट कार्यशैली का मानक स्थापित किया है। जिले ने औद्योगिक विकास में मील का पत्थर स्थापित करते हुए इन्दौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना को साकार रूप दिया है। 20.25 किलोमीटर लंबाई के साथ 17 ग्रामों को जोड़ते हुये यह परियोजना युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार की उपलब्धता एवं आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में सूचना एवं प्रौद्योगिकी को सशक्त करने के लिए पूर्व से ही 8 आईटी पार्क विद्यमान है जिसमें 4 निजी एवं 4 शासकीय आईटी पार्क शामिल है। इसके अतिरिक्त 4 नए आईटी पार्क पर कार्य प्रगतिरत है, जिनमें से 2 MPIDC के द्वारा एवं 2 MPSEDC के माध्यम से निजी भागीदारी से तैयार किये जा रहे हैं। आई.टी पार्क के निर्माण से युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर और पर्यावरण हितैषी ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि इन्दौर जिले में माह जून एवं जुलाई मे विशेष राजस्व अभियान चलाकर नामांतरण, बंटवारा, रास्ता विवाद, सीमांकन, कब्जा विवाद और बटांकन के प्रकरणों का निस्तारण किया गया। अभियान अवधि में जिले मे दो माह पुराने प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण किया गया। साथ ही साथ दो माह पूर्व के के लंबित प्रकरण की सूचना देने पर 5 हजार रूपये की राशि से पुरूस्कृत करने की व्यवस्था रखी गई है। यह जनता के प्रति जवाबदेही और शासकीय कार्यों को समय सीमा में पूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्य संपादन की अभिनव पहल है।
कलेक्टर ने कहा कि अवसंरचना विकास में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा इन्दौर उज्जैन राज्य राजमार्ग क्रमांक 59 को 6 लेन में परिवर्तित करने के साथ ही सेतुबंधन योजना के अंतर्गत 6 लेन फ्लाई ओवर सत्यसाई चौराहा, देवास नाका चौराहा, मूसाखेड़ी चौराहा और आई.टी. पार्क चौराहा पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है। इंदौर शहर में यातायात दबाव कम करने एवं बेहतर कनेक्टिविटी हेतु 468 करोड़ रूपये की लागत से 23 मास्टर प्लान की सड़कों का विकास किया जा रहा है।
सुगम यातायात की दृष्टि से खजराना, संत सेवालाल, भंवरकुंआ और लवकुश चौराहे पर एक साथ 4 फ्लायओव्हर लोकार्पित किये गये है। लोक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुमेड़ी में 15 एकड़ क्षेत्र पर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनकर तैयार है। यहां से लगभग 1400 बसें संचालित किये जाने की योजना है। एम.आर.-12 एवं एम.आर.-11 जैसी अति महत्वपूर्ण मास्टर प्लान की सड़कों का कार्य भी प्रगतिरत है।
इन्दौर मे प्रत्येक ग्राम रोजगार अभियान के अंतर्गत जिले की समस्त ग्राम पंचायतों मे MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) उद्योग स्थपित करने का उल्लेखनीय कार्य हुआ है। युवाओं को प्रेरित कर 90.11 करोड रूपये के निवेश के साथ औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना की गयी। यह ग्रामीण औद्योगिक समावेश की ओर प्रमुख कदम है। यातायात सुधार के लिए इंदौर मेट्रो परियोजना के तहत सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के संचालन के साथ ही येलो लाइन (रिंग नेटवर्क) 31.32 किलोमीटर लंबाई में भूमिगत टनल के साथ प्रगतिरत है। यात्रियों हेतु सभी स्टेशनों पर लिफ्ट, ब्रेल लिपि आदि उन्नत व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देते हुए इंदौर ने देश का पहला भिक्षावृत्ति मुक्त शहर होने का गौरव प्राप्त किया है। जियो टैगिंग के माध्यम से 6500 भिक्षुओं की पहचान कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा गया। आज शहर के प्रमुख धार्मिक पर्यटन एवं सार्वजनिक स्थल भिक्षावृत्ति से मुक्त हो चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इंदौर ने रेवती रेंज में विश्व रिकॉर्ड स्थापित करते हुए इतिहास रचा है। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत चौबीस घंटों में 11.40 लाख पौधे जनभागीदारी के माध्यम से रोपित कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया है।
नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत 3 एसटीपी का निर्माण किया जाएंगा, जिससे शहर की नदियो को स्वच्छ रखने में मदद मिलेंगी। उक्त परियोजना हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण साबित होंगी, इसके अंतर्गत एसटीपी से प्रति दिन 07 टन कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन कर इंदौर मध्यप्रदेश का पहला CBG उत्पादक शहर बनने की दिशा मे कदम बड़ा चुका है। इसके अतिरिक्त अमृत 2.0 के तहत 2 अन्य एसटीपी भी स्वीकृत किये गये है। पवित्र क्षिप्रा नदी को निर्मल बनाने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। विकसित मध्य प्रदेश के सपने को साकार करने का मार्ग जिलों से ही गुजरता है। आइए संकल्प लें कि हमारा जिला विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की आधारशिला बनेगा। हमारा संयुक्त सामर्थ्य एवं योजनाबद्ध प्रयास मध्यप्रदेश की शक्ति और पूंजी है।