परिस्थितियों से लड़ने का जज्बा ही सफलता का मंत्र : शिल्पी

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रांची{ गहरी खोज }: कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि शिक्षा समाज की रीढ़ है। शिक्षा के बिना राज्य और देश का विकास संभव नहीं है। आज लोग मंदिर-मस्जिद गिरजाघर या अन्‍य धार्मिक स्थलों के निर्माण की मांगें करते हैं। लेकिन चान्हो के बाल जागृति स्कूल ने चुनाव के समय जरूरतमंद बच्चों के लिए बेंच-डेस्क मांगे थे। यह प्रयास छोटा भले लगे, लेकिन यहां के लोगों की सोच बड़ी है। परिस्थितियों से लड़ने का जज्बा ही सफलता का असली मंत्र है।
मंत्री गुरुवार को मांडर में बैंक ऑफ इंडिया के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं। मौके पर उन्‍होंने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड के तहत मांडर विधानसभा क्षेत्र के पांच स्कूलों में कुल 190 बेंच-डेस्क और ड्राइंग किट बच्चों को उपलब्ध कराया। इनमें चान्हो का वीर बुधू भगत बाल जागृति उच्च विद्यालय और बेड़ो का बेसिक स्कूल टेरो शामिल हैं।
उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को विधायक मद से दो-तीन अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का आश्वासन दिया। साथ ही बेड़ो के बेसिक स्कूल टेरो में नेतरहाट की तर्ज पर मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा से समझौता उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक गुरु प्रसाद गोंड ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधि की प्रेरणा से यह योगदान संभव हो सका है। यह महज बेंच-डेस्क नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों की उड़ान है। इन्हीं छात्रों में से कोई डॉक्टर, इंजीनियर या बड़ा अधिकारी बनेगा। उन्होंने बैंक योजनाओं का लाभ लेने और गुरुजी क्रेडिट कार्ड से 15 लाख तक की शिक्षा ऋण की सुविधा देने की जानकारी भी दी।
मौके पर आंचलिक प्रबंधक संजीव कुमार सिंह, एसएलबीसी के संतोष कुमार सिन्हा, सहायक महाप्रबंधक अजय कुमार पांडेय सहित क्षेत्र के मुखिया और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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