वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार मध्य प्रदेश : प्रमुख सचिव सिंह

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  • बीएसएल के अंतर्राष्ट्रीय सोर्सिंग लीडर्स के साथ हुई राउंड टेबल बैठक
    भोपाल{ गहरी खोज }: मध्‍य प्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश का लक्ष्य वैश्विक सोर्सिंग डेस्टिनेशन के रूप में निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराना है। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए मध्य प्रदेश पूरी तरह तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य ने उद्योग केंद्रित 18 से अधिक नीतियों के माध्यम से पूंजी निवेश प्रोत्साहन, ब्याज व बिजली शुल्क में रियायत, स्टाम्प ड्यूटी/एसजीएसटी रिफंड, ­एम्प्लॉयमेंट-लिंक्ड इंसेंटिव, कौशल प्रशिक्षण व क्लस्टर विकास जैसे व्यापक प्रावधान सुनिश्चित किए हैं। सिंगल-विंडो सिस्टम, अनुमतियों की संख्या में युक्तियुक्त कटौती और 30 दिन की समय-सीमा से ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिज़नेस’ मध्य प्रदेश की विशिष्ट पहचान बन चुका है।
    उक्‍त बातें प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने गुरुवार को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्‍यक्षता में आयोजित बीएसएल के अंतराष्ट्रीय सोर्सिंग लीडर्स के साथ राउण्ड टेबल बैठक में कही। इस दौरान प्रमुख सचिव सिंह ने बताया कि पीएम मित्रा पार्क (धार) में प्लग-एंड-प्ले फेसीलिटी, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट, डिजाइन/टेस्टिंग लैब्स, लॉजिस्टिक हब, आधुनिक वेयरहाउसिंग तथा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में सुदृढ़ सड़क–रेल–हवाई नेटवर्क, सूझबूझ से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों और ड्राई पोर्ट/एयर-कार्गो सुविधाओं के साथ निर्यात-उन्मुख इकाइयों को त्वरित, विश्वसनीय सप्लाई-चेन सपोर्ट मिलता है।
    उन्होंने कहा कि राज्य ग्रीन एनर्जी सरप्लस है, सौर और पवन परियोजनाओं के तीव्र विस्तार से उद्योगों को विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धी लागत पर स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने प्रदेश में सरकार द्वारा टेक्सटाइल एवं गारमेंट्स सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों, निर्यात संवर्धन के लिए राज्य-स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन, ब्रांडिंग–मार्केटिंग सहायता, विदेशी बाजारों में बीटूबी कनेक्ट और ‘डिजाइन से डिलीवरी’ तक समर्थन तंत्र का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक कॉटन के वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स, रिसाइक्लिंग–सर्कुलेरिटी, वाटर रीयूज़ और कार्बन-न्यूट्रल प्रोडक्शन जैसी पहलों को नीति-स्तर पर प्राथमिकता दी गई है, जिससे मध्यप्रदेश को ‘मोस्ट सस्टेनेबल टेक्सटाइल हब’ के रूप में स्थापित किया जा सके।
    बैठक में बीएसएल के प्रतिनिधियों ने उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक सुझाव दिए। बीएसएल के संस्थापक सदस्य रमन ने बताया कि बीएसएल संगठन एक नॉन-प्रॉफिट प्लेटफॉर्म है, जिसमें 4,507 से अधिक सदस्य जुड़े हैं। इसके 13 अंतर्राष्ट्रीय चैप्टर्स यूरोप, जापान सहित कई प्रमुख देशों में हैं। बीएसएल की प्राथमिकता भारतीय उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप सशक्त बनाना और ब्रांड–सोर्सिंग–प्रोडक्शन के बीच मजबूत सेतु तैयार करना है।
    नीरज नागपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश पायलट राज्य बनकर तत्काल समाधान लागू कर सकता है, जिससे नीति-स्तर के सुधारों का लाभ उद्योग इकाइयों तक तेज़ी से पहुँचे। उन्होंने ‘डिजाइन-टू-डिलीवरी’ मॉडल को संस्थागत रूप देने और ‘सर्कुलैरिटी ऑफ फैशन’ के लिए राज्य-समर्थित फ्रेमवर्क की आवश्यकता रेखांकित की।
    तेजस (पीवीएच, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी) ने कहा कि राज्य में सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग के लिए ईकोसिस्टम परिपक्व है। रीसाइक्लिंग, वाटर रीयूज़ और नवकरणीय ऊर्जा आधारित उत्पादन को नीतिगत प्रोत्साहन के साथ ‘एमपी– मोस्ट सस्टेनेबल टेक्सटाइल हब’ के रूप में म.प्र. को ब्रांड किया जा सकता है।
    तपन बंसल (मदरकेयर) ने सप्लाई-चेन इंटीग्रेशन, तेज़ अनुमतियों और टेस्टिंग–क्वालिटी सर्टिफिकेशन लैब्स के विस्तार पर जोर दिया, जिससे शिशु/बच्चों के परिधान जैसे संवेदनशील सेगमेंट्स में वैश्विक मानकों का पालन और तेज़ निर्यात संभव हो।
    डॉ. किरुबा देवी ने आर्टिजन–हैंडलूम क्लस्टर्स के साथ आधुनिक गारमेंटिंग यूनिट्स को ‘डिजाइन और मार्केटिंग सपोर्ट’ से जोड़ने का सुझाव दिया, जिससे पारंपरिक कौशल का आधुनिक फैशन से समन्वय हो और वैश्विक प्रीमियम सेगमेंट्स में ‘मेड इन एमपी’ की पहचान बने।
    श्रेयस्कर ने ऑर्गेनिक रॉ कॉटन पर कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर का पुनरावलोकन और रेडी गारमेंट के ड्यूटी-फ्री एक्सेस का लाभ उठाने के लिये ‘रॉ–टू–रैक’ तेज़-मार्ग (फास्ट ट्रैक) का प्रस्ताव रखा।
    बीएसएल के प्रतिनिधियों ने बताया कि संगठन के सदस्य ‘ब्रांड हेड्स, सोर्सिंग हेड्स और प्रोडक्शन हेड्स’ के रूप में वैश्विक स्तर पर कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश में स्पेशलाइज्ड टेक्सटाइल पार्क्स, हाई-टेक गारमेंटिंग यूनिट्स, डिजाइन–इननोवेशन सेंटर और ग्लोबल मार्केटिंग कैंपेन के समेकित खाके से ‘मेड इन एमपी’ को प्रमुख फैशन एवं रिटेल बाजारों में तेज़ी से स्थापित किया जा सकता है।
    बैठक में हनेसब्रांड्स, पीवीएच कोर्प, केयर फोर एशिया लिमिटेड., पूमा, मदरकेयर, जिवामे सहित 15 से अधिक शीर्ष वैश्विक ब्रांड्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रदेश के प्रमुख टेक्सटाइल व गारमेंट उद्योगपतियों ने भी विचार साझा किए। यह सर्वसम्मति भी बनी कि मध्यप्रदेश में कच्चे माल से लेकर तैयार परिधान तक का संपूर्ण उत्पादन-चक्र, ग्रीन एनर्जी, किफायती लागत और तेज़ अनुमति मिलकर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करती हैं।
    बैठक में प्रदेश के परिधान और वस्त्र क्षेत्र से जुड़े प्रमुख उद्योगपतियों एवं ब्रांड प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें वर्धमान टेक्सटाइल्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक नीरज जैन, बैस्ट लाइफस्टाइल अपैरल प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक आर. राजकुमार, सागर मैन्युफैक्चरर्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ अग्रवाल, मराल ओवरसीज लिमिटेड के प्रेसिडेंट तरुण बलदुआ, भास्कर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. के निदेशक अखिलेश राठी, न्यू ज़ील फैशन वियर प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक रोहित त्रिवेदी, लायन फैब्रिक्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक हिमांशु ठकराल, सेफफ्लेक्स इंटरनेशनल लि. के वाइस प्रेसिडेंट (वाणिज्य) जी.के. सिंह, प्रतिभा सिंटेक्स के प्रबंध निदेशक श्रेयास्कर चौधरी, गोकलदास एक्सपोर्ट्स आचारपुरा प्रा. लि. के कार्यकारी निदेशक प्रभात कुमार सिंह, कशीदा अपैरल्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ बिंद्रा, नाहर स्पिनिंग मिल्स लि. के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डी.के. मुंद्रा, ट्राइडेंट लिमिटेड (ट्राइडेंट ग्रुप) के वाईस प्रेसिडेंट अजातशत्रु शर्मा, ग्रासिम इंडस्ट्रीज लि. (एक्सेल फाइबर डिवीजन) के राज्य प्रमुख संदीप जैन, लक्ष्मीपती ग्रुप के प्रबंध निदेशक राकेश सरावगी और पैरागन अपैरल्स के प्रबंध निदेशक रोशन बैंड शामिल हैं।

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