जन्माष्टमी पर केक काटना सही या गलत? जानिए क्या बोले प्रेमानंद महाराज

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धर्म { गहरी खोज } : जन्माष्टमी का त्योहार भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। आज कल तो कई लोग जन्माष्टमी पर कान्हा के नाम से केक भी काटने लगे हैं। लेकिन क्या जन्माष्टमी पर केक काटना सही है? इस पर प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों को खास सलाह दी है उन्होंने बताया कि बाहरी सेवा का फल है आंतिरक चिंतन जुड़ जाए। अगर हमारा चिंतन भगवान से जुड़े जाए तो कल्याण हो जाएगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पर केक काटना चाहिए या नहीं?
प्रेमानंद जी महाराज से जब किसी व्यक्ति ने पूछा कि क्या जन्माष्टमी पर केक काटना सही है या गलत तो इस पर महाराज जी ने कहा कि देखों सभी को वैष्णव पद्धति का तो ज्ञान है नहीं। आजकल अपवित्रता ही अपवित्रता बढ़ रही है जहां तक हो सके वहां तक पवित्रता का ध्यान रखो। ये जो बेकरी में चीजें बनती हैं किसी-किसी में अंडा आदि चीजें भी पड़ते होंगे। अब जिन लोगों को पद्धति नहीं मालूम है वो मनमानी करते हैं। हम यही कहते हैं कि बाहरी जो सेवा है उसका फल है कि आंतरिक चिंतन जुड़ जाए इससे ही हमारा कल्याण हो जाएगा। जो अभक्ष पदार्थ हैं उन्हें भोग में नहीं चढ़ाना चाहिए। आगे महाराज जी कहते हैं कि पवित्रता से बस एक रोटी बना लो उसमें घी लगाकर और थोड़ा भूरा रखकर लड्डू गोपाल को खिला दो उसमें भी भगवान बहुत राजी हो जाएंगे।

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