हिमाचल में भारी बारिश से भूस्खलन, तीन नेशनल हाइवे व 395 सड़कें बंद, शिमला में गिरे पेड़

शिमला{ गहरी खोज }:हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बरपा रहा है। ओरेंज अलर्ट के बीच बीती रात राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई, जिससे भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। शिमला शहर में पेड़ गिरने से वाहनों को नुकसान पहुंचा है। राज्य भर में तीन नेशनल हाइवे और 395 सड़कें भूस्खलन से पूरी तरह से बंद हो गई हैं। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और कई जिलों में बिजली व पेयजल आपूर्ति भी ठप हो गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 14 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 15 से 18 अगस्त तक येलो अलर्ट रहेगा। आज कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा व कुल्लू जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। इन जिलों में लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार बीती रात सबसे अधिक 180 मिमी बारिश कांगड़ा जिले के नगरोटा सुर्रियां में दर्ज की गई, जबकि गुलेर में 161, घमरूर में 111, नादौन में 78, देहरा गोपीपुर में 76, जोगिंद्रनगर में 74, कांगड़ा में 73, भरेड़ी में 70, पालमपुर में 69, सुजानपुर टीहरा में 66, शिलारू में 54 और शिमला में 45 मिमी वर्षा हुई। बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर बढ़ गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक सोमवार सुबह तक नेशनल हाईवे-305 कुल्लू जिले के जहेड-खनग के पास, नेशनल हाईवे-707 सिरमौर जिले के शिलाई के पास और नेशनल हाईवे-505 लाहौल-स्पीति में भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 213 सड़कें, कुल्लू में 84, चंबा में 38, कांगड़ा में 23 और शिमला में 14 सड़कें बंद हैं। राज्य में 669 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिनमें चंबा में 203, हमीरपुर में 148, लाहौल-स्पीति में 139 और सोलन में 135 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। वहीं, 529 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिनमें कुल्लू में 367, मंडी में 69 और कांगड़ा में 41 योजनाएं बंद हैं।
इस मानसून सीजन में अब तक 229 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लापता हैं और 323 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी के 44, कांगड़ा के 35, चंबा के 26, शिमला के 21, कुल्लू के 18, किन्नौर व हमीरपुर के 16-16, सोलन के 15, ऊना के 13, बिलासपुर के 10, सिरमौर के 9 और लाहौल-स्पीति के 6 लोग शामिल हैं। अब तक 2,077 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 499 पूरी तरह ढह गए, 311 दुकानें और 1,955 पशुशालाएं नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1,181 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 405 पूरी तरह से ढह गए। प्रदेश में अब तक 54 भूस्खलन, 59 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।
राज्य में मानसून से अब तक 2,007 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,071 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 682 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सलाह दी है कि यात्रा से पहले मौसम की ताजा जानकारी लें और भूस्खलन व अचानक जलस्तर बढ़ने वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें।