चैंबर ने वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना की खिड़की फिर से खोलने का स्वागत किया

एमएमएफ निर्माताओं के पास 31 अगस्त तक आवेदन का मौका: निखिल मद्रासी
सूरत{ गहरी खोज }: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि कपड़ा उद्योग एवं चैंबर के हितधारकों के आग्रह पर केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पोर्टल पुनः खोल दिया गया है और उद्योगपति 31 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।गुजराती व्यंजनों की रेसिपी
वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना 2021 में घोषित की गई थी, जिसके लिए 10,683 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित है। इसका उद्देश्य कपड़ा उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना, मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ), परिधान एवं कपड़ों के उत्पादन को बढ़ावा देना और अधिक रोजगार सृजित करना है।
चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, कार्यवाहक मंत्री भावेश टेलर और कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी ने बताया कि यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने 50% टैरिफ लगाया है।
एमएमएफ में विस्कोस, पॉलिएस्टर और ऐक्रेलिक जैसे रासायनिक रेशे शामिल हैं, जबकि तकनीकी वस्त्रों का उपयोग पीपीई किट, एयरबैग, बुलेटप्रूफ जैकेट, विमानन, रक्षा और बुनियादी ढाँचा क्षेत्रों में भी किया जाता है।
केंद्र सरकार अब तक पीएलआई योजना के तहत वस्त्र उद्योग के 80 आवेदनों को मंजूरी दे चुकी है। चालू वित्त वर्ष में सरकार का लक्ष्य 500 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि वितरित करने का है। योजना से अगले पाँच वर्षों में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और 7.5 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है।