भादवा की चौथ कब है 12 या 13 अगस्त, नोट कर लें सही डेट, पूजा विधि और मुहूर्त

धर्म { गहरी खोज } : इस साल भादो चौथ का व्रत 12 अगस्त 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी का प्रारंभ 12 अगस्त की सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 13 अगस्त 2025 की सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर होगी। भादो चौथ की पूजा के लिए गोधुली मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है और 12 अगस्त को ये मुहूर्त शाम 06:50 से 07:16 तक रहेगा। बता दें भादो चौथ को भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी , भाद्रपद चौथ, बोल चौथ, बहुला चतुर्थी , हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी इत्यादि कई नामों से जाना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे भादो चौथ की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
भादो चौथ व्रत पूजा मुहूर्त 2025
भादो चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। चतुर्थी तिथि 12 अगस्त की सुबह 8 बजकर 40 मिनट से लेकर 13 अगस्त की सुबह 6 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।
भादो चौथ चंद्रोदय समय 2025
भादो चौथ के दिन चन्द्रोदय समय रात 08:59 का है।
भादो चौथ पूजा विधि
- भादो चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें।
- इसके बाद घर की मंदिर की सफाई करें और अपने दायें हाथ में जल रखकर व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद एक साफ चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद गणेश जी का अभिषेक करें और उन्हें पुष्प, फल, मिठाई, दुर्वा अर्पित करें।
- भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं और सच्चे मन से उनके मंत्रों का जाप करें।
- भादो चौथ की कथा सुनें और आरती करके भगवान को भोग लगाएं।
- अंत में लोगों में प्रसाद बांट दें।
- रात में चांद की पूजा कर अपना व्रत खोल लें।
भादो चौथ व्रत का महत्व
मान्यता है इस व्रत को रखने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं साथ ही भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भादो चौथ पूजा मंत्र
- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
- एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥ - ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।। - एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥