ऑपरेशन सिंदूर पर बोले एयरफोर्स चीफ-एस-400 से मार गिराए 5 पाकिस्तानी जेट्स

0
31-3

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत के एस-400 मिसाइल सिस्टम ने हाल के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 5 पाकिस्तानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। इसके अलावा, एक एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल/इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान को भी 300 किलोमीटर की दूरी से नष्ट किया गया। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि जेकबाबाद में खड़े कुछ एफ-16 विमानों और भोलारी एयर बेस पर एक एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल को विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर नष्ट किया गया।
इंडियन एयर फोर्स चीफ एपी सिंह ने शनिवार को बेंगलुरु के एसएएल मैनेजमेंट अकादमी ऑडिटोरियम में एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर के 16वें सीजन को संबोधित कर रहे थे। एपी सिंह ने कहा, हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने शानदार काम किया है। एस-400 सिस्टम जिसे हमने हाल ही में खरीदा था, यह गेम-चेंजर रहा है। पाकिस्तान के पास लंबी दूरी के ग्लाइड बम थे लेकिन वे उनमें से किसी का भी इस्तेमाल नहीं कर पाए क्योंकि वे एयर डिफेंस को भेद नहीं सके।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए एस-400 का इस्तेमाल किया। यह रूस से खरीदा गया एक उन्नत सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जो 400 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। इस ऑपरेशन में एस-400 ने शानदार प्रदर्शन किया और 5 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को हवा में ही मार गिराया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल/इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान को 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया, जो इस सिस्टम की रेंज और सटीकता को दर्शाता है। एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल विमान दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने और खुफिया जानकारी जुटाने में इस्तेमाल होता है। इसलिए इसका नष्ट होना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
एयर चीफ मार्शल प्रमुख ने यह भी दावा किया कि जेकबाबाद एयर बेस पर खड़े कुछ एफ-16 लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया गया। ये विमान पार्किंग में थे, लेकिन सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना ने उन पर हमला किया। इसी तरह, भोलारी एयर बेस पर एक और एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल विमान को निशाना बनाया गया। ये हमले दिखाते हैं कि भारत के पास दुश्मन की गतिविधियों की सटीक जानकारी थी। उसका इस्तेमाल सही समय पर किया गया।
सेना को खुली छूट दी गई थी
सफलता का एक प्रमुख कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था। हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। हमें खुली छूट थी। अगर कोई बाधाएं थीं, तो वे खुद की थीं। हमने तय किया कि कितना आगे बढऩा है। हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आजादी थी। तीनों सेनाओं के बीच कोऑर्डिनेशन था। सीडीएस के पद ने वास्तव में अंतर पैदा किया। वह हमें एक साथ लाने के लिए मौजूद थे। एनएसए ने भी सभी एजेंसियों को एक साथ लाने में बड़ी भूमिका निभाई।
यह एक उच्च तकनीक वाला युद्ध था। 80 से 90 घंटे के युद्ध में हम इतना नुकसान कर पाए कि उन्हें साफ पता चल गया था कि अगर वे इसे जारी रखेंगे तो उन्हें इसकी और भी अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी इसलिए वे आगे आए और हमारे डीजीएमओ को संदेश भेजा कि वे बात करना चाहते हैं। हमारी ओर से इसे स्वीकार कर लिया गया।
2019 में जब बालाकोट में हमने एयर स्ट्राइक की तो उसके सबूत नहीं जुटा पाए। लोगों ने सवाल उठाए कि हमने क्या किया या क्या नहीं किया। इसलिए मुझे बहुत खुशी है कि इस बार हम बालाकोट के उस भूत से निपटने में सक्षम थे और हम दुनिया को यह बताने में सक्षम थे कि हमने क्या हासिल किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *