पाटिल ने चुनाव आयोग पर लगाया वोटों पर डाका डालने आरोप

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बेंगलुरु{ गहरी खोज }: कर्नाटक के कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने शनिवार को चुनाव आयोग (ईसीआई) पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में एक लाख से ज़्यादा वोट ‘चोरी’ हुए हैं।
श्री पाटिल ने यहां मीडिया से बात करते हुए ने कथित कदाचार को सामान्य चुनावी कदाचार से कहीं ज़्यादा गंभीर बताया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ चोरी नहीं, डकैती है। एक लाख से ज़्यादा वोट चुराए गये हैं। चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए लेकिन इसके बजाय, वे विपक्ष के नेता राहुल गांधी को हलफनामे पर शिकायत दर्ज कराने के लिए कह रहे हैं।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने चुनाव आयोग के जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वह राजनीतिक दलों से औपचारिक प्रस्तुतिकरण की प्रतीक्षा किये बिना स्वतंत्र रूप से कार्य करे। श्री पाटिल ने कहा, “क्या चुनाव आयोग का यह कर्तव्य नहीं है कि वह स्वतः संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करे? क्या आपको हलफनामे या शिकायत की आवश्यकता है? इन गंभीर आरोपों पर तुरंत ध्यान देना आपका कर्तव्य है। अन्यथा, लोगों का लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली, विशेषकर चुनावों की पवित्रता पर से विश्वास खत्म हो जाएगा।”
श्री पाटिल ने अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण के लंबे समय से लंबित मुद्दे पर कहा कि राज्य मंत्रिमंडल को इस मुद्दे की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिल गयी है। उन्होंने कहा, “मंत्रिमंडल को रिपोर्ट मिल गयी है और हम 16 तारीख को बेंगलुरु में होने वाली एक विशेष कैबिनेट बैठक में उस रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद, हम उसी दिन निर्णय लेंगे।” उन्होंने संकेत दिया कि अगले कुछ दिनों में इस मामले को निपटने का सरकार का लक्ष्य है।
कर्नाटक की राजनीति में आंतरिक आरक्षण का मुद्दा एक विवादास्पद विषय रहा है, जहां विभिन्न अनुसूचित जाति उप-समूहों द्वारा समग्र आरक्षण ढांचे के भीतर कोटा लाभों के समान वितरण की मांग की जा रही है।

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