केंद्र सरकार में 2016 से लंबित 4.8 लाख रिक्तियां भरी गईं: जितेंद्र सिंह

0
dfrtreds

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्तियों का होना और उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है तथा 2016 से केंद्र सरकार की सेवाओं में लगभग 4.8 लाख लंबित रिक्तियों को भरा गया है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रिक्तियां होना और भर्ती एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिनमें आरक्षित वर्गों की लंबित यानी बैकलॉग रिक्तियां भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर एक आंतरिक समिति गठित करें जो बैकलॉग की आरक्षित रिक्तियों की पहचान करे, उनके बने रहने के मूल कारणों का अध्ययन करे, उन कारणों को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए और विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से उन रिक्तियों को भरे।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने बताया कि प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को एक संपर्क अधिकारी नियुक्त करना होता है, जो उप सचिव या उससे उच्च स्तर का अधिकारी हो। इसके अलावा, उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण में एक विशेष आरक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना की जाती है ताकि आरक्षण संबंधी निर्देशों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
सिंह ने यह जानकारी उस सवाल के जवाब में दी थी जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांगजनों की केंद्र सरकार की नौकरियों में भागीदारी और इन वर्गों की बैकलॉग रिक्तियों की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा कि मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 से अब तक केंद्र सरकार की विभिन्न सेवाओं और पदों में करीब 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियां भरी गई हैं। सरकार द्वारा समय-समय पर सभी मंत्रालयों और विभागों को रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने की सलाह दी जाती रही है।
सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की अखिल भारतीय स्तर की सीधी भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसके अलावा, पदोन्नति में अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सीधी भर्ती और पदोन्नति (ग्रुप ‘ए’ की सबसे निचली श्रेणी तक) दोनों में चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *