केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बतायी कर्तव्य भवन-3 की खासियत, प्रधानमंत्री कल करेंगे उद्घाटन

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत निर्मित कर्तव्य भवन-3 के बारे में जानकारी दी। इस भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार, 6 अगस्त को करेंगे। मनोहर लाल ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 1947 में पहली सरकार के गठन और 1952 में पहले चुनाव के बाद विभिन्न मंत्रालयों के लिए अलग-अलग भवन बनाए गए थे। इन मंत्रालयों को एक स्थान पर लाने की आवश्यकता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा के बाद सेंट्रल विस्टा परियोजना को लागू किया गया। इस परियोजना का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और चुस्त शासन को सक्षम बनाना है। कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन 6 अगस्त को शाम साढ़े 6 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान होगा।
उन्होंने कहा कि इन भवनों के बनने से भारत सरकार को करीब 1500 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी जो विभिन्न मंत्रालयों की किराए की बिल्डिंग्स के लिए देने होते थे। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले कई कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट भवनों में से पहला है। यह परियोजना सरकार के व्यापक प्रशासनिक सुधार के एजेंडे का प्रतीक है। वर्तमान में कई प्रमुख मंत्रालय 1950 से 1970 के दशक में निर्मित पुरानी इमारतों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन में संचालित हो रहे हैं। ये इमारतें अब अक्षम हो चुकी हैं और इनके रखरखाव व मरम्मत की लागत अधिक है। कर्तव्य भवन-3 के निर्माण से दिल्ली में फैले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक स्थान पर लाकर नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य है।
मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा, जिसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6 मंजिल) होंगी। इसमें 850 कमरे होंगे, जहां गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय होंगे। भवन का निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूरा होगा और सभी मंत्रालय 30 अप्रैल 2026 तक इसमें स्थानांतरित हो जाएंगे।
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के प्रधान सचिव के. श्रीनिवास ने बताया कि यह अत्याधुनिक कार्यालय परिसर आधुनिक प्रशासनिक ढांचे का प्रतीक होगा, जिसमें आईटी-समर्थित और सुरक्षित कार्यस्थल, आईडी कार्ड-आधारित प्रवेश नियंत्रण, एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और केंद्रीकृत कमांड सिस्टम शामिल होंगे।
कर्तव्य भवन-3 पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से युक्त होगा और जीआरआईएचए-4 रेटिंग प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है। इसमें रूफटॉप सोलर, सोलर वॉटर हीटिंग, उन्नत हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और बारिश के पानी का संचयन शामिल होगा। भवन अपनी पानी की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा अपशिष्ट जल के उपचार और पुन: उपयोग के माध्यम से पूरा करेगा। निर्माण में रिसाइकल की गई सामग्री और मलबे का उपयोग किया गया है, साथ ही हल्की दीवारों का प्रयोग कर भार को कम किया गया है। ऊपरी मिट्टी का उपयोग भी सुनिश्चित किया गया है। यह परियोजना न केवल प्रशासनिक कार्यों को एकीकृत करेगी बल्कि आधुनिक तकनीक और पर्यावरणीय स्थिरता के साथ शासन को और प्रभावी बनाएगी।

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