स्वर्ण उद्योग में मानकीकरण के लिए आईसीएआई के साथ करार

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) ने स्वर्ण उद्योग में वैल्यू चेन भागीदारों के लिए एक मजबूत एक्रेडिटेशन ढांचे को लागू करने के लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ गोल्ड एक्सीलेंस एंड स्टैंडर्ड्स (आईएजीईएस) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
देश भर में स्वर्ण उद्योग के वैल्यू चेन में छह लाख भागीदारों के शामिल होने का अनुमान है।
विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजूदगी में आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा और आईएजीईएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशलेंद्र सिन्हा ने एमओयू का आदान-प्रदान किया।
श्री मेघवाल ने स्वर्ण उद्योग में मानकीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि देश में इसकी परिकल्पना सबसे पहले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने की थी। उन्होंने सोने के लिए एक विनियमित ढाँचे की वकालत की थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एमओयू बाबा साहेब के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारतीय अर्थव्यवस्था के त्वरित विकास में योगदान देगा।
श्री नंदा ने कहा कि यह एमओयू स्वर्ण उद्योग के मानकों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और ज्ञान, मानकों तथा नैतिकता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए आईसीएआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस पहल से आईसीएआई के सदस्यों के लिए सार्थक व्यावसायिक अवसर पैदा होने और स्वर्ण उद्योग के भीतर प्रक्रियाओं के संचालन और मानकीकरण में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है। साथ ही यह आईएजीईएस को उसकी आवश्यकता के अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों का एक पैनल उपलब्ध कराएगी, ताकि इस सहमति पत्र के दायरे में आने वाले कार्यों के लिए उन्हें सूचीबद्ध किया जा सके।
एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर आईसीएआई के उपाध्यक्ष प्रसन्ना कुमार डी., पेशेवर विकास समिति (पीडीसी) के अध्यक्ष मंगेश पी. किनारे, केंद्रीय परिषद सदस्य संजीव कुमार सिंघल औऱ सचिव जय कुमार बत्रा भी उपस्थित थे।