नर्सिंग घोटाला –सीबीआई करेगी जाँच से जुड़ी फ़ाइलें स्कैन, राज्य सरकार करेगी सहयोग

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जबलपुर{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में अनियमितताओं के मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने सीबीआई को आदेश दिये हैं कि सीबीआई जाँच में सुटेबल पाये गये कॉलेजों का रिकॉर्ड स्कैन कर हाईकोर्ट में पेश करे एवं याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराये, इस मामले में आवश्यक संसाधन और सहायता राज्य शासन को उपलब्ध कराने होंगे, हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिकॉर्ड की सुरक्षा का जिम्मा सीबीआई का होगा और किसी सीबीआई अधिकारी के निर्द्वेशन में ही स्कैनिंग कर कार्य संपादित होगा । गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को सीबीआई को निर्देश दिये थे कि नर्सिंग कॉलेजों की जाँच से जुड़ी सभी फ़ाइलें स्कैन कर एक प्रति याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जाए, इस मामले में सीबीआई ने एक आवेदन दाखिल कर कोर्ट को बताया था कि सीबीआई के पास 800 कॉलेजों के लगभग एक लाख से ज़्यादा दस्तावेज हैं इतनी बड़ी संख्या में दस्तावेज स्कैन करने के संसाधन और मैन पॉवर सीबीआई के पास नहीं है एवं डेटा दिये जाने से उसके दुरुपयोग की संभावना है भी इस कारण डेटा स्कैन कर नहीं दिया जा सकता है । इसके जबाब में याचिकाकर्ता ने सीबीआई जाँच में दो बार सुटेबल पाये गये सेंधवा नर्सिग कॉलेज का उदाहरण पेश कर बताया था कि उक्त कॉलेज की फ़ैकल्टी की मार्कशीट फर्जी है फिर भी उसे सीबीआई जाँच में क्लिनचिट मिली है, सीबीआई के द्वारा आपत्ति करने पर याचिकाकर्ता ने चलती सुनवाई में नर्सिंग काउंसिल के पोर्टल पर अपलोड की गई फर्जी मार्कशीट कोर्ट में दिखाई थी जिसके बाद जजों ने भी फर्जी मार्कशीट डाउनलोड कर इस बात पर हैरानी जताई थी ।
सुनवाई में याचिकाकर्ता के द्वारा फिर से सीबीआई से डेटा दिलाने की माँग की गई और कोर्ट को बताया गया कि जिन कॉलेजों को सीबीआई जाँच में सुटेबल बताया गया है उससे संबंधित रिकॉर्ड देखे बिना अपना पक्ष रखना संभव नहीं है । मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी ।

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