संसद ने की निसार उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किए जाने पर वैज्ञानिकों की प्रशंसा

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: लोकसभा ने गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के संयुक्त प्रयास के तहत जीएसएलवी रॉकेट से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किए जाने को लेकर वैज्ञानिकों की प्रशंसा की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन समवेत होते ही इस बारे में सदस्यों को सूचित करते हुए कहा बुधवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के माध्यम से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा यह अपनी तरह का पहला संयुक्त मिशन है, जिसे सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया है। ‘माइक्रोवेव इमेजिंग’ तकनीक पर आधारित यह उपग्रह वैश्विक भू-पारिस्थितिकी तंत्र एवं समुद्री क्षेत्रों के अध्ययन में सहायक सिद्ध होगा।
श्री बिरला ने कहा हमें अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सफलता पर गर्व है और उनके भावी अंतरिक्ष अभियानों की सफलता की कामना करते हैं।
यह उपलब्धि देश के वैज्ञानिक सामर्थ्य का प्रतीक है, जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
राज्यसभा में सुबह पहले सदन में कार्यवाही शुरू होते ही सदन ने भारत और अमेरिका के संयुक्त अभियान के तहत प्रक्षेपित निसार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी।
उप सभापति हरिवंश ने सदन को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष विभाग (नासा ) ने मिलकर हासिल की है। उन्होंने कहा कि वह अपनी तथा सूमचे सदन की ओर से इस अभियान से जुड़े इसरों तथा नासा के वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों को बधाई देते हैं ।
सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका अनुमोदन किया।

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