बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में तृणमूल सांसदों का संसद में प्रदर्शन

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। तृणमूल सांसदों- डेरेक ओ’ब्रायन, साकेत गोखले, रीताब्रत बनर्जी और महुआ मोइत्रा- ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ जैसे नारे लगाए। उनके साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन के सांसद सुदामा प्रसाद भी शामिल हुए। तृणमूल ने कहा कि उनका विरोध निर्वाचन आयोग, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान और ‘‘वोट लूट’’ के खिलाफ है। बाद में, तृणमूल के कुछ सांसद एसआईआर के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के सांसदों के विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, तृणमूल ने कहा, ‘‘संसद से संदेश जोरदार और स्पष्ट है: वोट लूट बंद करो!’’ इसने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के सांसदों के साथ मिलकर, हमारे सांसदों ने बिहार में निर्वाचन आयोग के मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।’’
इसने आरोप लगाया, ‘‘एसआईआर भाजपा का दोमुंहा हथियार है जिसका उद्देश्य मनमाने ढंग से असली मतदाताओं को हटाकर खुद को अनुचित चुनावी लाभ पहुंचाना और मतदाता सत्यापन का इस्तेमाल करके पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करना है। मतदाताओं को दबाने और पहचान के आधार पर बहिष्कार के प्रति भाजपा के जुनून की कोई सीमा नहीं है।’’
तृणमूल ने कहा, ‘‘हम संसद के अंदर और सड़कों पर लोकतंत्र के इस हनन का विरोध करेंगे।’’ विपक्षी दलों ने विधानसभा चुनावों से पहले बिहार के लिए नयी मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया का विरोध किया है और इसे (मतदाताओं को) मतदाता सूची से बाहर करने की प्रक्रिया करार दिया है। विपक्षी दलों ने इसे कई लोगों को मताधिकार से वंचित करने के लिए ‘वोटबंदी’ बताया है और संसद में इस मुद्दे पर बहस की मांग की है। इस मुद्दे पर बहस की विपक्ष की मांग के बीच मानसून सत्र के पहले सप्ताह में संसद के दोनों सदनों में सामान्य ढंग से कामकाज नहीं हुआ।

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