राहुल गांधी के ओबीसी वाले बयान पर ‘कांग्रेस के दिल में कुछ और तथा जुबान पर कुछ और ‘ : मायावती

लखनऊ{ गहरी खोज }:लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लेकर दिए गये बयान पर राजनिति गरमा गई है। राहुल के बयान पर शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। यह दिल में कुछ और तथा जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है।
बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर लिखा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का यह स्वीकार करना कि देश के विशाल आबादी वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज के लोगों की राजनीतिक व आर्थिक आशा, आकांक्षा व आरक्षण सहित उन्हें उनका संवैधानिक हक़ दिलाने के मामलों में कांग्रेस पार्टी खरी व विश्वासपात्र नहीं रही है। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ व जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज़्यादा लगती है। वास्तव में उनका यह बयान उसी तरह से जगजाहिर है जैसा कि देश के करोड़ों शोषित, वंचित व उपेक्षित एससी-एसटी समाज के प्रति कांग्रेस पार्टी का ऐसा ही दुर्भाग्यपूर्ण रवैया लगातार रहा है। इस कारण ही इन वर्गों के लोगों को फिर अन्ततः अपने आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा अपने पैरों पर खड़े होने की ललक के कारण अलग से अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बनानी पड़ी है।
मायावती ने आगे कहा कि कुल मिलाकर इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश सहित देश के प्रमुख राज्यों की सत्ता से लगातार बाहर है और अब सत्ता गंवाने के बाद इन्हें इन वर्गों की याद आने लगी है जिसे इनकी नीयत व नीति में हमेशा खोट रहने की वजह से घड़ियाली आंसू नहीं तो और क्या कहा जाएगा। जबकि वर्तमान हालात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का भी इन वर्गों के प्रति दोहरे चरित्र वाला यही चाल-ढाल लगता है। वैसे भी एससी-एसटी वर्गों को आरक्षण का सही से लाभ व संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं करना। देश की आज़ादी के बाद लगभग 40 वर्षों तक ओबीसी वर्गों को आरक्षण की सुविधा नहीं देने और सरकारी नौकरियों में इनके पदों को नहीं भरकर उनका भारी बैकलॉग रखने आदि के जातिवादी रवैयों को भला कौन भुला सकता है, जो कि इनका यह अनुचित जातिवादी रवैया अभी भी जारी है।
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि इतना ही नहीं बल्कि इन सभी जातिवादी पार्टियों ने आपस में मिलकर एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को किसी ना किसी बहाने से एक प्रकार से निष्क्रिय एवं निष्प्रभावी ही बना दिया है। इस प्रकार दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़ों इन बहुजन समाज को सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तौर पर गुलाम व लाचार बनाए रखने के मामलों में सभी जातिवादी पार्टियां हमेशा से एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रहे हैं, जबकि अम्बेडकरवादी पार्टी बसपा सदा ही इन वर्गों की सच्ची हितैषी रही है। यूपी में चार बार बसपा के नेतृत्व में रही सरकार में सर्वसमाज के गरीबों, मजलूमों के साथ-साथ बहुजन समाज के सभी लोगों के जान-माल व मज़हब की सुरक्षा व सम्मान तथा इनके हित एवं कल्याण की भी पूरी गारण्टी रही है। मायावती ने कहा कि देश के बहुजनों का हित केवल बसपा की आयरन गारण्टी में ही निहित है। अतः ख़ासकर दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) समाज के लोग ख़ासकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) आदि इन विरोधी पार्टियों के किसी भी बहकावे में नहीं आयें, यही उनकी सुख, शान्ति व समृद्धि हेतु बेहतर है।