भारतीय गेंदबाज़ी की आलोचना के बीच मोर्ने मोर्कल ने चयन रणनीति का किया बचाव, कुलदीप यादव को लेकर दी सफाई

मैनचेस्टर{ गहरी खोज }: इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में भारत को गेंदबाज़ी में संघर्ष करना पड़ा, खासकर तब जब टीम ने पिछले दस वर्षों में पहली बार एशिया और वेस्ट इंडीज के बाहर किसी मैच में 500 से अधिक रन लुटाए। इस प्रदर्शन के बाद भारतीय गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने कई तीखे सवालों का सामना किया। हालांकि उनके पास सभी सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं थे—जैसे कि गेंदबाजों की घटती रफ्तार, शार्दुल ठाकुर का ऑलराउंडर के रूप में चयन और वॉशिंगटन सुंदर को देर से गेंदबाजी देना—लेकिन उन्होंने इतना जरूर साफ किया कि टीम चयन में बल्लेबाज़ी को अतिरिक्त गहराई देने को प्राथमिकता दी गई है।
कुलदीप यादव को अब तक इस दौरे पर एक भी टेस्ट में मौका नहीं मिला है, जिस पर मोर्कल से दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, मुद्दा यह है कि टीम का संतुलन कैसे बने और बल्लेबाजी क्रम को मजबूत कैसे रखा जाए। कुलदीप विश्वस्तरीय गेंदबाज हैं और शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन बल्लेबाजी को लेकर संतुलन बैठाना कठिन हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी को देखते हुए स्कोरबोर्ड पर 400 से अधिक रन चाहती है, इसलिए बल्लेबाजी में गहराई जरूरी है। मोर्कल ने जोड़ा, हमारे टॉप छह बल्लेबाज़ों से लगातार रन चाहिए ताकि हम कुलदीप जैसे स्ट्राइक बॉलर को टीम में ला सकें,
जब उनसे पूछा गया कि भारत इतना रक्षात्मक क्यों खेल रहा है और क्या स्ट्राइक गेंदबाजों को खिलाकर रन का बोझ कम नहीं किया जा सकता, तो उन्होंने जवाब दिया, ये विकल्प हमारे सामने होते हैं। लेकिन अब तक की टेस्ट सीरीज़ में हमारे स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। लॉर्ड्स टेस्ट हम लगभग जीत ही गए थे और एजबेस्टन टेस्ट भी शानदार था।
दूसरे दिन भारत की गेंदबाज़ी काफी साधारण रही और मोर्कल ने स्वीकार किया कि गेंदबाज़ी इकाई बहुत ज़्यादा प्रयास करने लगी थी, जिससे लाइन-लेंथ बिगड़ी। उन्होंने कहा कि तीसरे दिन गेंदबाज़ों की लाइन बेहतर रही, लेकिन गेंद में वह ऊर्जा नहीं दिखी जो विकेट निकालने के लिए ज़रूरी होती है। उन्होंने कहा, फ्लैट विकेटों पर आपको गेंद में थोड़ी अतिरिक्त तेजी और ऊर्जा चाहिए होती है ताकि आप कैच आउट या एलबीडब्ल्यू के मौके बना सकें। लेकिन हमारे प्रमुख गेंदबाज, जैसे सिराज, पहले से ही काफी ओवर फेंक चुके हैं।
अंशुल कांबोज को सीधे उड़ान से बुलाकर प्रसिद्ध कृष्णा की जगह टीम में शामिल करने पर मोर्कल ने कहा, हमें ऐसा गेंदबाज़ चाहिए था जो लंबी स्पेल फेंक सके और ऑफ स्टंप के आसपास सटीक गेंदबाजी कर सके। कांबोज ने इंडिया ए टूर पर अच्छा प्रदर्शन किया और घरेलू क्रिकेट में भी प्रभावशाली रहे हैं। इसलिए उन्हें मौका दिया गया। शार्दुल ठाकुर को ज्यादा गेंदबाजी नहीं दी गई, जिस पर मोर्कल ने कहा कि चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलना फिट नहीं बैठता जब रनरेट 5 प्रति ओवर हो। उन्होंने कहा,ऐसे समय में कप्तान विकेट लेने के लिए अपने स्ट्राइक बॉलर्स को वापस लाना चाहता है।, वहीं वॉशिंगटन सुंदर को आखिर में गेंदबाजी दी गई, जहां उन्होंने दो विकेट लेकर कुछ नियंत्रण भी दिखाया। इस पर मोर्कल ने कहा, शुभमन गिल ने शुरुआत में सीमर्स को तरजीह दी, क्योंकि शुरुआत में गेंद मूव कर रही थी। लेकिन जब वॉशिंगटन को मौका मिला, उन्होंने अच्छा काम किया।